· अस्पतालों में 20 ऑक्सीजन प्लांट एवं 100-बेड की कोविड केयर सुविधाएं स्थापित करने की योजना
· 200 से ज्यादा अस्पतालों को मेडिकल उपकरण एवं सप्लाई प्रदान करेगा
मुंबई, 29 मई, 2021। परिवर्तन के तहत, एचडीएफसी बैंक ने आज महामारी से लड़ाई में मदद करने के लिए देश में मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने व बढ़ाने के लिए अनेक उपायों की घोषणा की। इन उपायों में स्थायी मेडिकल बुनियादी ढांचा, जैसे ऑक्सीजन प्लांट, मेडिकल उपकरण, और आईसीयू सुविधाएं तथा भारत में अस्पतालों को मेडिकल आपूर्ति प्रदान करना शामिल है।
बैंक ने कोविड-19 राहत अभियानों के लिए वित्तवर्ष 2021-22 में परिवर्तन के तहत 100 करोड़ रु. की प्रारंभिक राशि दी है। वित्तवर्ष 2020-21 में बैंक ने परिवर्तन के तहत कोविड-19 से राहत के लिए 120 करोड़ रु. का योगदान दिया।
भारत में मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए बैंक निम्नलिखित काम करेगाः
· भारत में विभिन्न अस्पतालों में 20 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करेगा।
· तीन 100-बेड कोविड केयर सुविधाएं स्थापित करेगा।
· दो आईसोलेशन केंद्र बनाएगा।
· देश में 200 से ज्यादा अस्पतालों को मेडिकल उपकरण एवं आपूर्ति प्रदान करेगा।
ऑक्सीजन प्लांट एवं कोविड केयर मेडिकल सुविधाएं स्थापित करने के लिए, बैंक भारत में अस्पतालों की पहचान करने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ काम करेगा।
साथ ही बैंक ईसीएसएस (एजुकेशन क्राईसिस स्कॉलरशिप स्कीम) के तहत महामारी से प्रभावित हुए विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप देने की योजना भी बना रहा है और गांवों में लगभग 1.5 लाख लोगों को मासिक राशन दे रहा है।
एचडीएफसी बैंक में ग्रुप हेड- सीएसआर, बिज़नेस फाईनेंस एवं स्ट्रेट्जी, एडमिनिस्ट्रेशन, एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर, मिस आशिमा भट्ट ने कहा, ‘‘एचडीएफसी का मानना है कि महामारी से लड़ने के लिए समाज व संगठनों को एकजुट होना पड़ेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्रयास समाज के लिए हमारी प्रतिबद्धता के अंग हैं। हम परिवर्तन के तहत दीर्घकालिक सतत इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करने में यकीन रखते हैं और इस सिद्धांत से कोविड-19 से लड़ने में मदद करने के अभियान उत्पन्न हुए। हम अपने एनजीओ पार्टनर्स एवं स्थानीय प्रशासन के साथ काम कर रहे हैं ताकि ऑक्सीजन प्लांट, मेडिकल उपकरण एवं कोविड केयर सुविधाओं जैसे आवश्यक मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जा सके। भविष्य में हम खासकर कोविड-19 से प्रभावित हुए परिवारों की शिक्षा एवं आजीविका जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर केंद्रित होंगे तथा ऐसे अन्य दीर्घकालिक सतत अभियानों पर काम करेंगे।’’