सीतापुर-अनूप पाण्डेय/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर में एडीओ पंचयत पे लगे गम्भीर आरोप मुख्य विकास अधिकारी ने जांच कमेटी बनाकर जांच करने के दिए आदेश ।
आप को बताते चले सीतापुर जनपद के पेसेंदी ब्लाक पे सहायक विकास अधिकारी के पद पे नियुक्त रामपाल वर्मा पे कम्प्यूटर आपरेटर मन्जू बाजपेई ने महिला के आपत्ति जनक सब्द व् पक्ष पात करने का आरोप लगाकर जिला अधिकरी को पत्र दिया जिसमे जिला अधिकारी ने तत्काल मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित करते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी जिसपर मुख्य विकास अधिकारी ने महिलाओ का कार्यस्थल पर लैगिक उत्पीड़न निवारण प्रतिषेध और प्रतितोष अधिनियम 2013 में उल्लेखित प्राविधानों के तहत आंतरिक परिवाद समिट का गठन करके शिकायती प्राथना पत्र की जांच कराकर नियमनुसार कार्यवाही जांच कमेटी बनाकर दोसी पाये जाने पर सहायक विकास अधिकारी पर कार्यवही करने का आदेश देदिया वहीं दूसरी तरफ कंप्यूटर ऑपरेटर मंजू वाजपेई ने 2612 2018 को अपनी नौकरी छोड़ कर परसेंडी ब्लॉक से चली गई जिस पर सहायक विकास अधिकारी ने मिथ्या आरोप लगाते हुए मंजू बाजपेई व उनके पति के नाम से तालगांव थाना में एफ आई आर दर्ज कराई सहायक विकास अधिकारी का आरोप है कि मंजू बाजपेई ने कंप्यूटर से डाटा डिलीट किया है अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब 26.12 .2018 को मंजू बाजपेई ने ब्लाक परिसर से अपनी नौकरी छोड़ कर अपने घर चली गई तो 29.12.2018 को थाने में एफ आईआर क्यों दर्ज कराई गई अगर डाटा डिलीट किया था तो उसके पहले भी यह लिखित शिकायत पत्र जिलाधिकारी व सीडीओ को दे सकते थे मगर अपने को फंसते देख यह रचना रचना ली की सरकारी टाटा को मंजू बाजपेई ने कंप्यूटर से डिलीट कर दिया है जब इस संबंध में मंजू बाजपेई कंप्यूटर ऑपरेटर से बात की गई तो उनका स्पष्ट रूप से कहना है कि मेरा सहायक विकास अधिकारी रामपाल वर्मा द्वारा लगातार उत्पीड़न किया जाता था जिस से प्रताड़ित होकर हम ने नौकरी छोड़ दी सहायक विकास अधिकारी जब जांच में फंसते नजर आए तो उन्होंने मुझे फंसाने के लिए कंप्यूटर से डाटा डिलीट करवा दिया क्योंकि मेरे अलावा चार लोगों के पास कंप्यूटर का पासवर्ड था किसी न किसी ने डांटा तो मिटा दिया होगा मगर आरोप में हम पर लगा दिए गए अगर हमने डाटा डिलीट किया था तो यह आरोप पहले लगाना चाहिए था जब हमने नौकरी छोड़ दी और जांच मुख्य विकास अधिकारी द्वारा होने लगी तब उन्होंने फर्जी तौर पर कंप्यूटर डाटा मिटाने का रोक क्यों लगाया क्योंकि वह जांच में फंसते नजर आ रहे थे इसीलिए हम पर आरोप लगाकर हमारे पति पर भी आरोप लगा दिया अब यह सोचने वाली बात है कि उच्च अधिकारियों को भी यह सोचना चाहिए कि इन्होंने क्यों ऐसा किया जबकि कंप्यूटर ऑपरेटर 3 दिन पहले ब्लॉक परिसर छोड़ चुकी थी तो आरोप लगाने का क्या मतलब है