मेरठ : बड़ी वारदातों पर प्लानिंग से कार्य होना चाहिए, ताकि बदमाशों पर तत्काल कार्रवाई हो सके। विवेचनाओं की जांच भी वैज्ञानिक पद्धति से होनी चाहिए, जिससे आरोपी बच न पाए। शुक्रवार को पुलिस लाइन में आयोजित समीक्षा बैठक में एडीजी अरुण कुमार ने कहा कि शिकायतें आ रही है कि थानेदारों का जनता के प्रति व्यवहार ठीक नहीं है। इस परिपाटी को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए। थानेदार व्यवहार में सुधार लाएं। कहा कि वारदात के खुलासे के लिए आपसी तालमेल बैठा कर कार्य होना चाहिए। शातिर, गिरोह बंद बदमाश व बड़ी वारदातों के खुलासे के लिए प्लानिंग के तहत कार्य होना चाहिए, ताकि वारदात को जल्द से जल्द खुलासा किया जा सके। सांप्रदायिक सूचनाओं पर तत्काल एक्शन लिया जाए, ताकि समय रहते असमाजिक तत्वों पर शिकंजा कसा जा सके। किस केस में नाम बढ़ाना या घटना, धाराओं को कम व ज्यादा करने के लिए सीओ से मंजूरी लें। ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों का विशेष ध्यान रखा जाए।
अंदर मीटिंग और बाहर एसओ सरूरपुर टहलते रहे
एक तरफ आला अधिकारी थानेदारों को जिम्मेदारी का पाठ पढ़ा रहे थे वहीं एसओ सरूरपुर बाहर टहलते रहे। एसओ सरूरपुर भारत सिंह सोलंकी उस समय पुलिस लाइन में पहुंचे जब एडीजी की बैठक शुरू हो चुकी थी। लिहाजा वह मीटिंग हाल के बाहर ही टहलते रहे। मीटिंग में एसओ सरूरपुर के न होने पर एडीजी ने कड़ी नाराजगी जाहिर की। दरअसल एडीजी अरुण कुमार ने नौकरी की शुरुआत सरूरपुर थाने से ही की थी, जिसके संस्मरण भी उन्होंने थानेदारों को सुनाए।
साहब थानेदार नहीं सुनते
एडीजी अरुण कुमार ने महानगर के प्रबुद्ध लोगों से बातचीत के माध्यम से जिले की पुलिसिंग का हाल जानने का प्रयास किया तो शिकायत मिली कि थानेदार उनकी नहीं सुनते। मीटिंग में संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष अरुण वशिष्ठ, नवीन गुप्ता, नायब शहर काजी जैनुर राशिद्दीन, दुखहरण शर्मा, नगीन चंद जैन, अमित कुमार, कुंवर वासिद अली आदि प्रबुद्ध नागरिक मौजूद थे।
एडीजी के सामने आया
फेस बुक का मुद्दा
फेस बुक पर अश्लील फोटो अपलोड करने का मुद्दा भी एडीजी के समझ गूंजा। संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष अरुण वशिष्ठ ने ऐसे केसों में पुलिस की एक तरफा कार्रवाई पर आपत्ति जताई। उधर, नायब शहर काजी ने कहा कि इस तरह की घटनाएं शहर की फिजा को बिगाड़ती है, लिहाजा ऐसी घटनाओं से सख्ती से निपटा जाए। उन्होंने कहा कि नौचंदी मेला सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है। मेले में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं होती है, लिहाजा मेले में महिला पुलिस अधिकारी की तैनाती की जाए। एडीजी ने सुझाव पर अमल करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।