इरफान शाहिद:NOI।
लखनऊ विकास प्राधिकरण आम लोगो के सामने सख्त और खास लोगों के लिए नरम रुख रखता है।सभी जानते है कि अगर आपकी एलडीए में कोई जुगाड़ है तो उसके ज़रिए अवैध को वैध आसानी से कराया जा सकता है बशर्ते जुगाड़ मज़बूत होनी चाहिए।ऐसी ही एक जुगाड़ू बिल्डिंग की दास्तान न्यूज़ वन इंडिया के सामने आई है जिससे आप सब को रूबरू कराने जा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी और साक्ष्य के मुताबिक थाना ठाकुरगंज के बालागंज जलनिगम संस्थान में बड़ी चालाकी से अवैध निर्माण का कार्य कराया जा रहा है।पांच मंज़िला बन रही इस इमारत की जो ज़मीन है उसको लेकर ये विवाद है कि ये ज़मीन कब्रिस्तान की है जिसकी जानकारी एलडीए,मुख्यमंत्री से लेकर न्यायालय तक को दी जा चुकी है।न्यायालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एलडीए को ये आदेश जारी किया था कि उक्त ज़मीन पर हो रहे निर्माण को 25 दिन के भीतर या तो कब्जेदार द्वारा खाली कराया जाए या खुद एलडीए उस निर्माण को ध्वस्त कर न्यायालय को सूचित करें।ये आदेश 23:01:2018 को पारित हुआ था जिसकी फोटो आप देख रहे होंगे।
लेकिन एक मंज़िला अवैध निर्माण को तोड़ने के बजाए एलडीए की कृपा से वहां पांच मंजिला इमारत बन कर तैयार हो चुकी है और अभी भी निर्माण कार्य बदस्तूर जारी है।वादी पक्ष का आरोप है कि जलनिगम संस्थान में कब्रस्तान की ज़मीन पर हो रहा अवैध निर्माण सिर्फ इस लिए नही गिराया जा रहा क्योंकि इसपे कब्ज़ा करने वालो की पहुंच ऊपर तक है जहाँ से मजबूर हो कर एलडीए अपने काम को अंजाम तक नही ले जा रहा।
अब लगभग 3 माह बीत जाने के बाद भी न्यायलय के आदेश की अनदेखी जारी है और जारी है कब्रिस्तान की ज़मीन पर अवैध निर्माण का कार्य।पीड़ित पक्ष ने ये भी बताया कि वो इस अवैध निर्माण की शिकायत के सम्बंध में प्रार्थना पत्र मुख्यमंत्री तक को प्रेषित कर चुके है साथ ही आदेश के बारे में जानकारी भी दे चुके हैं बावजूद इसके वहां कोई शासनात्मक कार्यवाही नही की जा रही है जिससे उन्हें गहरा दुख भी है।
उम्मीद की जानी चाहिए कि हमारे ज़रिए ही सही जलनिगम संस्थान बालागंज से अवैध निर्माण को लेकर न्यायलय के आदेश का पालन विभाग द्वारा किया जाएगा क्योंकि ऐसा ना करने से लखनऊ विकास प्राधिकरण की साख पर बट्टा लगने की शंका के साथ साथ कोर्ट के आदेश की अवमानना का भी दाग लगेगा जो एलडीए कदापि नही चाहेगा।
इसलिए जो गलत है उसे जुगाड़ से सही ठहराए जाने वाली पालिसी को छोड़कर न्याय की पालसी पर ही काम करना एलडीए के लिए सही दिशा में सही कदम होगा।