रामनगर–वाराणसी।। आखिरकार वही हुआ जिसका डर था। डॉक्टरों की समय पर ना पहुंचने की आदत और आपातकालीन चिकित्सा विभाग द्वारा इलाज करने से मना करने के फलस्वरूप लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय में एक मां ने अपनी बेटी को खो दिया।आज चन्दौली जिले के मिल्कीपुर के जाहिर अहमद की 2 वर्षीय बेटी शमा परवीन की लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय में ईलाज के अभाव में मौत हो गई।जिससे आक्रोशित होकर परिजनों ने अस्पताल परिसर में ही एक ओर जहाँ हंगामा शुरू कर दिया वही दूसरी ओर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कमल किशोर भारती के न होने के कारण उपस्थित डॉक्टरों सहित कर्मचारियों के हाथ-पाँव फूलने लगे। परिजनों ने हंगामा के दौरान बताया कि सुबह 7:00 बजे अपनी बेटी को लेकर अस्पताल पहुंचने के बाद भी लगभग 2 घंटे तक अस्पताल प्रशासन की हीला-हवाली करने के दौरान बच्ची की मौत हो गई। मौत के पश्चात अस्पताल परिसर में चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर कमल किशोर के न होने पर कुछ लोगो द्वारा यहाँ तक कहते हुए सुना गया कि जिस अस्पताल का चिकित्सा अधीक्षक ही 10:00 बजे तक ड्यूटी पर आता हो उस अस्पताल के डॉक्टरों की मनमानी उपस्थिति का अंदाजा भली-भांति लगाया जा सकता है। हालांकि परिजनों द्वारा काफी हंगामा करने के बाद करने के बाद सीएमएस डॉ. कमल किशोर ने पहुंचकर परिजनों की बातों को सुनते हुए लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही का आश्वासन दिया। तब जाकर परिजनों का हंगामा समाप्त हुआ।
डॉक्टरों द्वारा इलाज न करने से बच्ची की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए नगर के प्रमुख समाजसेवी कृपा शंकर यादव ने सिग्मा प्रतिनिधि से बात करते हुए कहा कि अगर परिस्थितियां क्षेत्रीय जनमानस के अनुरूप नहीं हुई तो जिला प्रशासन सहित शासन से शिकायत की जाएगी और अस्पताल प्रशासन के लापरवाही रवैया के खिलाफ नगर में जन जागरण अभियान भी चलाया जाएगा।
बताते चलें कि पूर्व समय में भी लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय के डॉक्टरों द्वारा बाहर से लिखी जाने वाली दवाइयों सहित जांच के लिए मरीजों और उनके तीमारदारों को बाहर भेजने से क्षेत्रीय जनमानस में व्यापक रूप से रोष है। न तो डॉक्टरों की मनमानी रुक रही है और न ही शासन सहित प्रशासन इस अस्पताल में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ उचित कार्यवाही कर रहा है।