शरद मिश्रा”शरद”
लखीमपुर खीरी:NOI- दो पुलिसवालों की हत्या कर कस्टडी से भागने वाला बग्गा सिंह एनकाउंटर में ढेर, 1 लाख का था इनामी यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में मोस्ट वान्टेड क्रिमिनल बग्गा सिंह को ढेर कर दिया।
विशाल विक्रम सिंह की अगुवाई में एसटीएफ ने जाल बिछाकर इस बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया। बुधवार सुबह करीब आठ बजे नेपाल बॉर्डर से सटे इलाके में एसटीएफ ने बग्गा सिंह को मार गिराया।
बताते चलें कि बग्गा सिंह यूपी के लखीमपुर खीरी का रहने वाला था। उसे पुलिस ने पहले भी गिरफ्तार किया था, लेकिन वह पुलिस के चंगुल से भागने में कामयाब रहा, तब से ही पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। दो पुलिसवालों की हत्या करके कस्टडी से भागने वाले क्रिमिनल बग्गा सिंह पर 1 लाख रुपए का इनाम था। इसके अलावा करीब 10 केसों में आरोपी भी था।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में बुधवार को यूपी एसटीएफ को उस वक्त बड़ी सफलता हाथ लगी, जब 1 लाख के इनामी बदमाश बग्गा सिंह को मार गिराया गया। बग्गा सिंह 10 गंभीर मामलों में वांछित अपराधी था और लंबे समय से फरार चल रहा था। बग्गा दो पुलिसवालों की हत्या का आरोपी भी था.
बग्गा सिंह को आज सुबह 8 बजे एनकाउंटर में ढेर किया गया है। यूपी एसटीएफ लंबे समय से बग्गा सिंह को खोज रही थी। 2013 में बग्गा सिंह ने दो पुलिसवालों की हत्या कर दी थी. पुलिस द्वारा पकड़े जाने और जेल में बंद होने के बावजूद बग्गा सिंह तरकीब लगाकर पुलिस की कैद से भाग गया था।
पुलिस के मुताबिक 1 लाख का इनामी बग्गा भेष बदलकर खीरी और नेपाल में छिपकर आसपास के जिलों में वारदातों को अंजाम दे रहा था. निघासन थाने के पढुआ चौकी इलाके में बुधवार सुबह घने कोहरे के बीच एसटीएफ ने बग्गा को घेर लिया जिसके बाद दोनों तरफ से कई राउंड फायरिंग हुई, जिसमें बग्गा को गोली लगी. घायल बग्गा सिंह को सीएचसी निघासन ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
तराई में आतंक का पर्याय बन चुका खूंखार बग्गा सिंह और काला सिंह भाइयों के अपराध की दास्तां काफी लंबी है. छोटे अपराधों से लेकर दिनदहाड़े महिलाओं से बलात्कार करना बग्गा का शगल था। इसके बाद जेल गया तो सिपाही की हत्या कर इसके साथी भरी कचहरी से उसे भगा ले गए थे. तभी से बग्गा वांटेड था।
पुलिस को सालों से उसकी तलाश थी. अभी हाल ही में उसके ऊपर ईनाम की राशि को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख करने के लिए आईजी को एसपी द्वारा पत्र भेजा गया था. बग्गा पर लूट, अपहरण, रंगदारी और हत्या के कई मामले कोर्ट में लंबित थे।
मुखबिर की सूचना पर यूपी एसटीएफ ने जाल बिछाकर नेपाल बॉर्डर से सटे इलाके में घेराबंदी की और उसे मार गिराया. पुलिस के मुताबिक मारा गया बदमाश बग्गा सिंह ही है, जो भेष बदलकर रह रहा था।
कुछ समय पूर्व बग्गा सिंह का एक खास साथी डालू भी पुलिस की मुड़भेड़ में मारा गया था।
पुलिस के लिए चुनौती बन चुके थे बग्गा सिंह और सचिन उर्फ डालू गुप्ता
इनकी गिरफ्तारी में पुलिस की कई टीमों के नाकाम रहने के बाद उन्हें दबोचने की जिम्मेदारी निघासन और धौरहरा सर्किल को साैंपी गई थी।
बता दें कि लखनऊ से लौट रहा सचिन उर्फ डालू गुप्ता शहर में सीओ सिटी दफ्तर के पास से पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। फरारी के ठीक एक महीने बाद डालू और उसके साथियों ने कचहरी में धावा बोलकर सिपाही विक्रम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी और दो कैदियों दोस्त मोहम्मद और बग्गा सिंह को भगा ले गया था। हालांकि बाद में पुलिस ने कैदी दोस्त मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन डालू-बग्गा का कहीं सुराग नहीं मिला था। उस समय के तत्कालीन एसपी प्रशांत कुमार ने बताया था कि दोनों कैदी नेपाल भाग गए हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की एक टीम नेपाल भी गई थी, लेकिन नेपाल की पुलिस ने उल्टे यहां के पुलिस अधिकारियों को ही थाने पर रोक लिया था। पुलिस की कई टीमें दोनों की गिरफ्तारी के लिए लगाई गईं थी लेकिन डालू-बग्गा का कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था।
*धरे जा चुके है डालू-बग्गा के पांच मददगार जो सीमाई क्षेत्र के बड़े व्यापारियों के मोबाइल नंबर पहुंचाते थे*
इंडो-नेपाल सीमा पर व्यापारियों के लिए दहशत का पर्याय बने चुके थे फरार कैदी डालू और बग्गा के पांच और मददगारों को पुलिस ने 22 जून 2014 को गिरफ्तार किया था।
सीमाई क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में रहने वाले ये पांचों बग्गा और डालू तक स्थानीय व्यापारियों के मोबाइल नंबर पहुंचाते थे, जिस पर फोन कर दोनों, व्यापारियों को फोन कर रंगदारी मांगते थे। मुखबिर से सूचना मिलने पर पुलिस टीम ने क्षेत्र के तिलहा घाट पर दबिश दी, जहां से डालू-बग्गा गैंग के राजकरन उर्फ तोता निवासी गांव दाराभोजी, गुरुसेवक उर्फ तोता निवासी गांव इंदरनगर, गुरुचरन उर्फ चन्ना, गुरुनाम सिंह उर्फ गोमा निवासी गांव टापरपुरवा थाना सिंगाही और इसी थाना क्षेत्र के गांव टांडा निवासी अनीस को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला था कि सभी आरोपी सीमाई क्षेत्र में सक्रिय रहकर डालू और बग्गा को क्षेत्र के व्यापारियों का मोबाइल नंबर और उसके संबंध में सारी सूचनाएं उपलब्ध कराते थे। पुलिस ने इनके कब्जे से दो मोबाइल भी बरामद किए थे। तत्कालीन एएसपी के मुताबिक, पकड़े गए आरोपी राजकरन और गुरुचरन सिंह पर तीन-तीन, गुरुसेवक सिंह और गुरुनाम सिंह पर एक-एक मुकदमा दर्ज था। वहीं पुलिस सूत्रों का कहना है कि डालू-बग्गा के गिरोह में सीमाई क्षेत्र के कई और भी अपराधी प्रवृति के लोग शामिल थे, जो उसके लिए काम कर रहे थे।
10 सितंबर 2013 को कचहरी परिसर में दिनदहाड़े सिपाही विक्रम सिंह को गोली मारकर हत्या करने के बाद डालू और बग्गा ने नेपाल में शरण ली थी, कुछ दिन बाद दोनों सिंगाही क्षेत्र के गांव टापरपुरवा में अपने पुराने दोस्त गुरुचरन सिंह उर्फ चन्ना के घर पहुंचे थे, जहां दोनों ने एक से डेढ़ महीने रुककर अपहरण कर रंगदारी वसूलने की योजनाएं बनाते थे।
तत्कालीन सीओ निघासन को भी फोन किया था बग्गा ने तत्कालीन एएसपी ने खुलासा किया कि राजकरन और अन्य सहयोगियों की गिरफ्तारी के दौरान बग्गा ने तत्कालीन सीओ निघासन को नेपाली नंबर से उनके सरकारी नंबर पर फोन कर कहा था कि गरीबों को क्यों परेशान कर रहे हो साहब। तत्कालीन सीओ निघासन ने यह बात उच्चाधिकारियों को भी बताई थी।
*दो जुड़वा भाई थे काला और बग्गा।*
सुरेंद्र सिंह के चार बेटे थे कर्मजीत सिंह, गुरुमीत सिंह, काला सिंह और बग्गा सिंह जिसमे से काला और बग्गा दोनो हमशक्ल बताये जाते थे ये दोनों बेहद खूंखार थे और तराई क्षेत्र में अपना आतंक पूरी तरह बरसा रक्खा था।
तराई क्षेत्र तहसील निघासन के निवासी श्याम सिंह जिसका काला और बग्गा से साँप और नेवले सी दुश्मनी थी उन्होंने बताया कि काला सिंह अपने जमाने में भेरेमपुर की थारू लड़की को उठा ले गया था तब से ये काफी सुर्खियों में था उसके बाद आपसी दुश्मनी की वजह से काला सिंह मारा गया था।
काला सिंह के बाद बग्गा सिंह ने अपना आतंक बरसाना शुरू किया और क्षेत्र में लोगों को डरा कर फिरौती मांगता था।
बग्गा सिंह पुलिस की हिरासत में आने के बाद भी पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब हो चुका था।
फिलहाल एसटीएफ को एक बड़ी कामयाबी मिली है जो 1 लाख के इनामी बदमाश बग्गा सिंह को मुड़भेड़ में मार गिराया।