नई दिल्ली, एजेंसी । थरवई इलाके में पांडेश्वरनाथ धाम के पास बाग में सो रहे दंपति और जवान बेटी को कत्ल के बाद जलाया गया था। मंगलवार को पोस्टमार्टम में मौत का सच सामने आ गया। तीनों के सिर पर धारदार हथियार से प्रहार किए गए थे। इसके बाद उन्हें आग के हवाले किया गया। युवती के साथ गैंगरेप का भी अंदेशा है इसलिए जांच के लिए शव से नमूना लिया गया है। अब तक इसे दुर्घटना करार देती रही थरवई पुलिस को कातिलों की तलाश और धरपकड़ करनी होगी।
पांडेश्वरनाथ धाम पर महाशिवरात्रि मेले से दो रोज पहले 60 वर्षीय दिव्यांग बुजुर्ग अपनी 55 वर्षीय पत्नी और 22 साल की बेटी के साथ आया। वे तीनों मंदिर से करीब डेढ़ सौ मीटर बाग में ठहरे। बुजर्ग मेले में भीख मांगता जबकि उसकी पत्नी और बेटी पानी वाले गुब्बारे बेचती थीं। रात में वे दोनों खुले में सोते थे। शुक्रवार रात भी वे तीनों भोजन के बाद जमीन पर पन्नी और बिस्तर बिछाकर सोए थे। शनिवार भोर में लोगों ने धुआं उठता और उन तीनों को जलकर मृत पाया। खून सने कपड़े और परिस्थितियां बता रही थीं कि यह तीसरा हत्याकांड है। शक जताया गया कि कत्ल से पहले युवती के साथ गैंगरेप किया गया मगर पुलिस इसे अग्निकांड करार देती रही।
एसपी गंगापार मुन्नालाल ने भी कहा कि चूल्हे से छिटकी चिंगारी से आग लगी थी। मगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पुलिस की थ्योरी खारिज हो गई है। शिनाख्त की संभावना के चलते तीन दिन तक इंतजार के बाद मंगलवार को बुरी तरह जले तीनों शवों का पोस्टमार्टम किया गया। डॉक्टरों को तीनों के सिर पर गहरी चोट मिली। पति-पत्नी और बेटी के सिर पर धारदार हथियारों से वार किए गए थे। डॉक्टर इस नतीजे पर पहुंचे कि पत्नी और बेटी की सिर पर चोट से मौत हो गई थी। इसके बाद उन्हें जलाया गया जबकि बुजुर्ग दिव्यांग चोट के बाद भी जिंदा था तभी उसे आग के हवाले कर दिया गया। उसकी मौत जलने की वजह से हुई थी। शक है कि दंपति को मारने के बाद युवती के साथ कई लोगों ने रेप किया फिर उसे भी मार दिया। रेप की पुष्टि के लिए डॉक्टरों ने नमूना लेकर फोरेंसिक जांच को भेजा है।
बेटी के साथ मारे गए दंपति कहां के रहने वाले थे? क्या थे उनके नाम? यह अब तक रहस्य बना है क्योंकि कोई उनकी पहचान नहीं कर सका। भविष्य में शिनाख्त के लिए डॉक्टरों ने तीनों शवों से डीएनए का नमूना सुरक्षित रखा है। कभी उनके परिजन खोजते हुए आए तो डीएनए मैच कराने की नौबत आ सकती है।