लंदन। 40 साल के हो चुके मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के बोर में जितनी भी रोचक बातें कर लें, खत्म नहीं होंगी। अब विश्व कप विजेता भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव ने सचिन तेंदुलकर के बारे में एक रोचक वाकया बताया है।
कपिल देव ने कहा कि शर्मीला और चुपचाप रहने वाला सचिन तेंदुलकर 1990 में जब 17 साल का था तो इंग्लैंड के अपने पहले दौरे में दसवीं क्लास की किताबें भी साथ लेकर आया था। कपिल ने कहा कि वह चुपचाप रहता था। वह शर्मीला था और बहुत अधिक बात नहीं करता था। वह एक सामान्य बच्चे की तरह था। वह किसी विषय पर चर्चा में शामिल नहीं होता था। वह केवल उस पर मनन करता था।
कपिल ने बीबीसी रेडियो फाइव-5 के लाइव शो में कहा कि उस उम्र में उसकी दो चीजें बहुत अलग थीं। उसका संतुलन बहुत अच्छा था या यूं कहें कि अविश्वसनीय था और वह गेंद को हिट नहीं बल्कि पुश करता था। उसके पास भारी बल्ला था। उस दौर में मैंने किसी को भी उतने भारी बल्ले का उपयोग करते हुए नहीं देखा था। इंग्लैंड के उस दौरे में कपिल को तेंदुलकर का ध्यान रखने के लिए कहा गया था। वह एक कमरे में रहते थे और तब कपिल ने इस युवा क्रिकेटर के अद्भुत कौशल को करीब से देखा था।
उन्होंने कहा कि वह बायें हाथ से लिखता था और खाना खाता था लेकिन बल्लेबाजी और गेंदबाजी दाहिने हाथ से करता था। बाद में मुझे अहसास हुआ कि वह जरूर जीनियस है जिसके दोनों हाथों में शक्ति है। यह क्रिकेट का भविष्य है। यदि आप का शक्ति पर संतुलन है तो आप गेंद पर नियंत्रण और अपने शरीर पर संतुलन साध सकते हो।
कपिल ने कहा कि मैंने सचिन को बल्लेबाजी करते हुए पहली बार घरेलू क्रिकेट में देखा था। एक बार वह ब्रेबोर्न स्टेडियम में बल्लेबाजी कर रहा था। वह देखने में 14 साल का लग रहा था। वह बहुत ही बैलेंस से खेल रहा था और मैं उसे गेंदबाजी करने में नर्वस महसूस कर रहा था। वह मेरी गेंद को खेलने के हिसाब से छोटा था। मैंने उसको दो तेज गेंदें फेंकीं। उसने आराम से उसे फ्लिक कर दिया। उसकी क्षमता उसी समय दिख गई थी लेकिन किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि यह खिलाड़ी दुनिया का सबसे महान क्रिकेटर बनेगा।