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Friday, December 6, 2024

कर्नाटक जीतते ही बढ़े डीजल के दाम

10_05_2013-diesel

नई दिल्ली  – कर्नाटक में कांग्रेस के सत्ता में लौटते ही संप्रग सरकार ने तेल मार्केटिंग कंपनियों को डीजल के दाम बढ़ाने की इजाजत दे दी। कंपनियों ने डीजल के दाम नब्बे पैसे प्रति लीटर बढ़ा कर महंगाई का बोझ बढ़ा दिया है। वैट सहित विभिन्न राज्यों में यह बढ़ोतरी एक रुपये प्रति लीटर से कुछ अधिक है। बढ़ी कीमत शुक्रवार आधी रात से लागू होगी। दिल्ली में अब डीजल की कीमत प्रति लीटर 49.69 रुपये हो गई है।

तीन दिन पहले ही संसद का बजट सत्र भी खत्म हुआ है। इससे पहले डीजल के दाम बजट सत्र के पहले दौर की समाप्ति के अगले ही दिन 23 मार्च को 45 पैसे प्रति लीटर [वैट अलग] बढ़े थे। महंगाई और घोटालों में घिरी सरकार ने बजट सत्र के दूसरे दौर में तेल कंपनियों को पेट्रोल की कीमत में कमी की तो इजाजत दी, लेकिन डीजल के दाम बढ़ाने से हिचकिचाती रही। इसकी एक और वजह कर्नाटक में होने वाले चुनाव भी थे। डीजल के दाम बढ़ने का असर माल ढुलाई से लेकर परिवहन आदि सब पर पड़ता है। इसकी वजह से खाद्य उत्पादों सहित स्टील, सीमेंट जैसे जरूरी उत्पादों के दाम भी बढ़ जाते हैं।

सरकार पहले ही डीजल की कीमतों को आंशिक तौर पर बाजार के हवाले कर चुकी है। जनवरी में ही यह तय हुआ था कि डीजल के दाम हर महीने 50 पैसे प्रति लीटर बढ़ेंगे। अब तक तेल कंपनियां तीन बार 45 पैसे प्रति लीटर के हिसाब से डीजल के दाम बढ़ा चुकी हैं। ताजा बढ़ोतरी से पहले तेल कंपनियों को डीजल की बिक्री पर 3.81 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा था। अब यह घाटा 2.91 रुपये प्रति लीटर रह गया है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत घटने की वजह से तेल कंपनियों का डीजल पर घाटा चालू वित्त वर्ष में लगातार कम होता रहा है। वित्त वर्ष की शुरुआत में यह घाटा 7.34 रुपये प्रति लीटर था।

शहर, कीमत, बढ़ोतरी

दिल्ली, 49.69, 1.02

कोलकाता, 53.97, 1.06

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