शासकीय विभागों में विभिन्न पदों पर काम करने वाले कर्मचारियों के हितों को लेकर तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ द्वारा आंदोलन की रणनीति तैयार कर ली गई है। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ की अध्यक्ष उत्तरा नायडू ने बताया कि लिपिकों के वेतन विसंगति पर उच्च न्यायालय के निर्देश पर भी आज तक सराकर ने कोई पहल नहीं की है।
शिक्षकों के वन स्टेप वेतनमान पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। ग्रामीण कृषि स्नातक अधिकारी की मांग, पर्यवेक्षक महिला एवं बाल विकास विभाग, छात्रावास विकास के अधीक्षक, शिक्षाकर्मी, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, हैंडपंप तकनीशियन, भंडार गृह कर्मचारी, पेंशनधारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका, रसोईया सबकी मांगे शासन के समक्ष लंबित हैं। शासकीय विभाग में सेवा दे रहे कई कर्मचारियों को कलेक्टर दर तक नसीब नहीं हो पा रहा है। टी संवर्ग के प्रधान पाठक जब से प्रधानपाठक बने हैं तब से उन्हें व्याख्याता माना जाए और प्राचार्य पर पदोन्नत किए जाने की मांग पर भी कोई विचार नहीं किया गया है। कर्मचारियों के प्रति सरकार के इसी बेरूखी से कर्मचारी नाराज हैं और आगामी 19 सितंबर को रायपुर में महारैली का आयोजन कर सरकार को ज्ञापन सौंपकर मांगो पर ध्यान आकृष्ट कराया जाएगा। श्रीमति नायडू ने बताया कि आंदोलन तीन चरणों में होगा। पहले चरण में 19 सितंबर को रायपुर में प्रदर्शन के बाद दूसरे चरण में 25 सितंबर को एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल किया जाएगा। इसके बाद भी मांगे नहीं सुनी गई तो 2 अक्टूबर से कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतर जाएंगे। इस पूरे आंदोलन में कर्मचारियों के 36 संगठनों का सहयोग मिल रहा है।