श्रीनगर। पीएम मोदी ने चीन और आसियान सम्मेलन में आतंकवाद के मुद्दे पर खुलकर दुनिया के सामने अपनी बात रखी थी। मोदी ने कश्मीर हिंसा पर और आतंकवाद पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था। लेकिन अभी तक कश्मीर के हालातों में कोई खास बदलाव नजर नहीं आ रहा है। अलगाववादी लोगों को भड़काने की कोशिशें जारी रखे हुए हैं। हाल ही में एक और मामला सामने आया है। ये मामला कश्मीर की डेमाक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के अध्यक्ष शब्बीर शाह से जुड़ा है।
कश्मीर रीडर अखबार के मुताबिक शब्बीर शाह ने कहा है कि कश्मीर हिंसा को सुलझाकर बीजेपी इतिहास रच सकती है। लेकिन शाह ने इसके लिए जो तरीका बताया है, वह चुनौती से भरा है। शाह के मुताबिक केन्द्र सरकार को कश्मीर में जनमत संग्रह कराना चाहिए। इसके बाद जो भी नतीजे आएं, उन्हें स्वीकार कर लेना चाहिए। दरअसल, शब्बीर जानते हैं कि कश्मीर की आवाम अब पाकिस्तान के साथ आना चाहती है। भले ही इसके नतीजे खौफनाक हों, लेकिन कश्मीरी यह समझने को तैयार नहीं। गुरुवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में शब्बीर ने कहा कि वह केन्द्र सरकार से बातचीत को सशर्त राजी हैं। उनकी मांग है कि अगर भारत सरकार संविधान के दूर होकर कश्मीर मुद्दे पर बात करे, तो स्वागत किया जाएगा।
इससे पहले खबर आ रही थी कि दिल्ली की केंद्र सरकार भारत प्रशासित कश्मीर में अलगाववादी नेताओं को मिल रही सुरक्षा को हटा सकती है। चार सितंबर को भारत के ग़ैर-भाजपा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के श्रीनगर दौरे के बीच अलगाववादी नेताओं ने उनसे मिलने से इंकार कर दिया था।