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Sunday, September 8, 2024

कश्मीर से दिल जोड़ने पहुंचे राजनाथ के ये 5 बयान काफी अहम हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा था कि कश्मीर के लोगों के साथ न गाली से न गोली से बल्कि गले लगाकर समाधान किया जाएगा. प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद कश्मीर में शांति बहाली के लिए ट्रैक टू कोशिशें दिखने लगीं. इस वक्त केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह कश्मीर के दौरे पर हैं. उन्होंने वहां सिविल सोसाइटी से लेकर सियासी जमात के साथ संपर्क किया और कश्मीर की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की. इस कड़ी में राजनाथ सिंह के 5 बयान काफी अहम माने जा रहे हैं.

1. अनुच्छेद 35ए पर आशंकाएं निराधार

श्रीनगर में राजनाथ सिंह ने कहा, ”बिना वजह अनुच्छेद 35ए मुद्दा बनाया जा रहा है. इस बारे में किसी तरह की अटकल या आशंका की कोई वजह नहीं है. केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की है, हम अदालत में भी नहीं गए हैं. मैं यह भरोसा दिलाना चाहता हूं कि मैं केवल अनुच्छेद 35ए के बारे में ही बात नहीं कर रहा हूं, हमारी सरकार जो भी करती है, हम यहां के लोगों की भावनाओं के खिलाफ कुछ भी नहीं करेंगे. हम उसका सम्मान करते रहेंगे.”

2. शांति के लिए किसी से भी मिलने से परहेज नहीं

राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि वह कश्मीर की समस्या सुलझाने में मदद करने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति से मिलने को तैयार हैं. उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार अलगाववादियों से बातचीत करने के लिए तैयार है.

उन्होंने कहा, ”मैं सभी हितधारकों से मिलना चाहता हूं. हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं को हमने नहीं रोका, अगर वह नजरबंद हैं तो वह कानून का मामला है. सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मैं पिछले साल जब आया था तो उन्होंने बातचीत से इनकार किया था.

3. हर चेहरे पर खुशी देखना चाहते हैं

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि बिलखती जोहरा का चेहरा भूलता नहीं है. हम कश्मीर में हर चेहरे पर खुशी और मुस्कान देखना चाहते हैं. आतंकवाद ने बहुत तबाही की है. सकारात्मक सोच रखने वाला कश्मीरी नौजवान परेशान है. गृहमंत्री ने कहा कि यहां पर्यटन पूरी तरह तबाह हो गया. केंद्र सरकार पर्यटन को फिर पटरी पर लाने के लिए विशेष अभियान चलाएगी.

4. पांच C से होगा कश्मीर समस्या का समाधान

जम्मू-कश्मीर की चार दिवसीय यात्रा पर आए राजनाथ ने मीडिया से कहा, ‘कश्मीर में शांति का पेड़ सूखा नहीं है. कश्मीर मुद्दे का स्थायी सामाधान पांच सी- सहानुभूति, संवाद, सहअस्तित्व, विश्वास बहाली और स्थिरता- पर आधारित है.

5. पत्थरबाजी छोड़ मुख्य धारा में लौटें युवा

राजनाथ ने कश्मीर के युवाओं से अपील करते हुए कहा, ‘मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे कुछ लोगों के हाथों में न खेलें और पत्थरबाजी से दूर रहें. युवाओं के भविष्य को लेकर प्रधानमंत्री सहित हम सभी चिंतित हैं. गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग अपने कठिन परिश्रम से अपना भाग्य और भविष्य बनाना चाहते हैं. आतंकवादियों ने बहुत सी पीढ़ियों को नष्ट कर दिया है तथा हम उन्हें एक और पीढ़ी को नष्ट नहीं करने देंगे. मैंने सुरक्षाबलों से कहा है कि जिन युवाओं ने कुछ गलतियां की हों उनसे किशोर कानून के तहत व्यवहार करें अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं करें.’

शांति की इन तमाम पहल के बीच राजनाथ सिंह ने आतंकियों को सख्त संदेश भी दिया और कहा कि हालांकि हम शांति की कोशिशों पर काम करते रहेंगे लेकिन आतंकवादियों तथा उनकी गतिविधियों के खिलाफ अपना जवाब देने में दृढ़ रहेंगे. सुरक्षाबलों को ऑपरेशन में हर तरह की छूट रहेगी साथ ही घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने की पाकिस्तान की कोशिशों को भी करारा जवाब मिलेगा.

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