अहमदाबाद।गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल होने की तमाम अटकलों को खारिज करते हुए राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक जिग्नेश मेवानी ने साफ किया कि वे किसी भी पार्टी में शामिल नहीं होंगे। जिग्नेश ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा कि वह आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव तक कांग्रेस समेत किसी भी पार्टी में शामिल नहीं होंगे।
बता दें कि जिग्नेश मेवानी के इस कदम को कांग्रेस के लिए करारा झटका माना जा रहा है। इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और जिग्नेश मेवानी की मुलाकात होनी थी जिसे काफी अहम माना जा रही था। गुजरात में 7 फीसदी दलित हैं और हाल ही में दलितों के साथ हुई घटना के बाद से दलित समुदाय में काफी नाराजगी है। कांग्रेस इस गुस्से को विधानसभा चुनाव में भुनाना चाहती थी लेकिन जिग्नेश ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखते हुए जानकारी दी है कि कोई भी मुलाकात चोरी छिपे नहीं होगी।
इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस से दलितों के मुद्दे पर अपना रुख साफ करने के लिए कहा है। उनकी इस बात का यही मतलब निकाला जा रहा है कि हार्दिक पटेल की तरह उन्होंने भी राहुल गांधी से मिलने से पहले शर्त रख दी है।
इससे पहले रविवार को भी जिग्नेश ने साफ किया था कि वह कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे लेकिन बीजेपी के खिलाफ बनने वाले गठबंधन का हिस्सा हो सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया था कि उनका मंच इस बार चुनाव नहीं लड़ेगा। साथ ही बिना चुनाव लड़े बीजेपी को कैसे हराएंगे के जवाब में मेवानी ने कहा कि जहां तक दलितों की बात है तो काम हो चुका है। पिछले एक-डेढ़ साल में दलितों ने यह फैसला कर लिया है कि वह बीजेपी को वोट नहीं देंगे। मैं, अल्पेश ठाकोर और हार्दिक पटेल बीजेपी के खिलाफ हैं। जब हम साथ आएंगे तो बीजेपी की हार निश्चित होगी।
हार्दिक का फैसला आना बाकी
बता दें कि इससे पहले दलित-ओबीसी एकता मंच के नेता अल्पेश ठाकोर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। वहीं पाटीदार अनामत आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को साधना कांग्रेस के लिए अब भी बड़ी चुनौती है। बीजेपी का खुलकर विरोध कर रहे पटेल ने कांग्रेस को समर्थन देने के मुद्दे पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। उन्होंने भी कांग्रेस को अल्टिमेटम दिया है कि पार्टी पटेल आरक्षण के मुद्दे पर 3 नंवबर तक अपना रुख स्पष्ट करे।