*कांग्रेस पार्टी ने अपने नेताओं की जुबान पर लगाम कसने के लिए जारी की एडवाइजरी*
लखनऊ,इरफान शाहिद
लोकसभा चुनाव में राजनेताओं द्वारा की गई बयानबाजी कहीं वोटों का खेल न बिगाड़ दे, इसे ध्यान में रखकर कांग्रेस पार्टी ने अपने नेताओं के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें नेताओं की जुबान पर लगाम कसने के लिए कई बातें कही गई हैं। किस नेता को कब और कौन सा बयान देना है, यह सब एडवाइजरी का हिस्सा हैं। अगर कोई नेता किसी मुद्दे पर अपनी राय रखना चाहता है तो उसे पहले पार्टी की मीडिया इकाई या किसी दूसरे वरिष्ठ नेता को बताना होगा। शुक्रवार को कांग्रेस ने यह भी साफ कर दिया है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सलाहकार सैम पित्रोदा ने 1984 दंगों पर जो बयान दिया है, वह पार्टी का बयान नहीं है।
बता दें कि सैम पित्रोदा ने गुरुवार को कहा था कि अब क्या है 1984 का। आपने (नरेंद्र मोदी) पांच साल में क्या किया, अब उसकी बात करिए। 1984 में जो हुआ, वो हुआ। उनके इस बयान को भुनाने में भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी। पीएम नरेंद्र मोदी ने वीरवार को दिल्ली की रैली में कहा, कांग्रेस पार्टी आजकल न्याय की बात करने लगी है। इस पार्टी को 1984 के दंगों का हिसाब देना होगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, पित्रोदा का बयान हैरान करने वाला है। कोई भी इसकी उम्मीद नहीं कर सकता।
पित्रोदा कहते हैं कि 1984 में नरसंहार हुआ तो क्या हुआ। देश में इस तरह का बयान स्वीकार्य नहीं है। इसके बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के दूसरे नेताओं ने भी सैम पित्रोदा के बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। कांग्रेस पार्टी को यह समझते देर नहीं लगी कि सैम पित्रोदा का बयान हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में वोटों का खेल बिगाड़ सकता है। दिल्ली और हरियाणा में 12 मई को मतदान है।
पार्टी नेता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, अगर कोई भी व्यक्ति इस तरह का गलत और किसी समुदाय को दुख पहुंचाने वाला बयान देता है तो उसे पार्टी का बयान नहीं माना जाएगा। पित्रोदा द्वारा दिया गया बयान अपना व्यक्तिगत बयान हो सकता है, लेकिन कांग्रेस पार्टी उससे इत्तेफाक नहीं रखती। भविष्य में इस तरह का कोई बयान पार्टी की ओर से न आए, इसके लिए एक एडवाइजरी जारी कर दी गई है।
खासतौर से वे लोग, जिन्हें कांग्रेस पार्टी की विचारधारा का कम अनुभव है या वे दूसरे दलों से आए हैं। सिख दंगों की कांग्रेस पार्टी कड़ी भर्त्सना करती है। दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस पार्टी पहले भी प्रयास करती रही है और आगे भी जारी रखेगी। इसके दोषियों को सजा दिलाने के लिए भी पार्टी सदैव प्रयासरत रही है। कांग्रेस पार्टी की विचारधारा मतभेद के जरिए मनभेद कराने की नहीं है। वह सभी धर्मों और वर्गों को एक साथ लेकर चलने वाली पार्टी है।