कानपुर।लखनऊ में जिस संदिग्ध आतंकी को पकड़ने के लिए यूपी एटीएस ने मोर्चा संभाल रखा है, उसे कानपुर से काफी मदद मिल रही थी। सूत्रों के अनुसार, संदिग्ध सैफुल्लाह को कानपुर से ही मोबाइल फोन उपलब्ध कराए गए थे। मोबाइल देने वाले दुकानदार को पकड़ने के लिए जब मंगलवार शाम पुलिस टीमें तलाक महल पहुंचीं तो भीड़ की पुलिस से झड़प का फायदा उठाकर वह भाग निकला था।
जानकारों के मुताबिक, संदिग्ध मोबाइल दुकानदार अपने पिता की दुकान पर पिछले 3-4 साल से बैठ रहा था। वह रहमानी मार्केट के बाकी दुकानदारों से दोस्ती नहीं रखता था और काफी कम बातचीत करता था। उसका घर दलेलपुरवा इलाके में बताया जाता है। इस इलाके में कुछ साल पहले पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई का एक एजेंट पकड़ा गया था।
वहीं, एयरफोर्स स्टेशन के पास हरजेंद्र नगर से पकड़े गए एक और संदिग्ध के बारे में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। कॉलोनी के लोगों के अनुसार, संदिग्ध के पिता ने 4 साल पहले मोहन लाल पाल नाम के शख्स से यह मकान खरीदा था। घर के बाहर बनी दुकान रात 12 बजे तक चलती थी और एक विशेष समुदाय की पहचान रखने वाले लोगों की भीड़ लगी रहती थी। दो दिन पहले ऐसे ही काफी लोग काफी संख्या में दो अलग-अलग गाड़ियों में आए थे और देर रात तक घर के अंदर मौजूद रहे थे। परिवार के लोग मोहल्ले के लोगों से ज्यादा बात नहीं करते थे। दुकान ज्यादा न चलने के बावजूद सभी लोग महंगे गैजेट्स इस्तेमाल करते थे।
इस बीच यूपी पुलिस ने बताया है कि लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके एक नहीं बल्कि 2 संदिग्ध आतंकी छिपे हुए हैं। यूपी के एडीजी (लॉ ऐंड ऑर्डर) ने रात करीब सवा दस बजे बताया कि ऑपरेशन जारी है। उन्होंने कहा, ‘हमने शुरुआत में समझा कि सिर्फ एक संदिग्ध छिपा हुआ है, लेकिन वह 2 हैं। उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिशें जारी हैं।’ संदिग्धों में एक को सैफुल्लाह बताया जा रहा है। एटीएस ने घर को चारों तरफ से घेर रखा है। यूपी पुलिस के मुताबिक संदिग्ध आतंकियों को जिंदा पकड़ने की कोशिश की जा रही है, इस वजह से ऑपरेशन में देरी हो रही है। एटीएस ने आंसू गैस के साथ-साथ मिर्च पावडर वाले बमों का भी इस्तेमाल किया ताकि संदिग्ध आतंकी बाहर आ जाएं।