नई दिल्ली। सुस्ती से परेशान कार कंपनियों को अप्रैल में भी झटका लगा है। यह लगातार छठा महीना है जब कारो की घरेलू बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। इस महीने कारों की कुल बिक्री 10.4 फीसद घटकर 1,50,789 कार रह गई। वाहन उद्योग के संगठन सियाम के मुताबिक कार बाजार में यह वर्ष 1997-98 के बाद से अब तक की सबसे लंबी सुस्ती है। ऊंची ब्याज दर, कमजोर उपभोक्ता विश्वास और आर्थिक सुस्ती के चलते मांग में यह कमी आई है।
घरेलू बाजार में पिछले साल अप्रैल में 1,68,54 कारें बिकी थी। सियाम के डिप्टी डायरेक्टर जनरल सुगातो सेन ने कहा कि उपभोक्ता विश्वास में कमी से कार बाजार बुरी तरह प्रभावित है। भरोसा बढ़ाने के लिए आम बजट में कुछ नहीं किया गया। कारों की बिक्री नवंबर 2012 से लगातार घट रही है। सेन ने कहा कि पिछले महीने पेट्रोल कीमतों में तीन रुपये प्रति लीटर की कमी सकारात्मक रही लेकिन ऊंची ब्याज दरों के कारण मांग अभी भी कमजोर हुई है। यह गिरावट अगले दो माह तक और जारी रह सकती है। ईधन कीमतों में नरमी के चलते एंट्री लेवल की छोटी कारों के ग्राहक शोरूम तक आना शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा होंडा की अमेज और जनरल मोटर्स की एंज्वाय जैसे नए मॉडल पेश होने से भी अगले कुछ माह में बिक्री को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
शीर्ष कंपनियों में केवल मारुति सुजुकी की बिक्री में ही अप्रैल में बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान इसकी घरेलू बिक्री 4.89 फीसद बढ़कर 76,509 इकाई हो गई। पिछले साल के समान माह में कंपनी ने 72,939 कारें बेची थी। देश की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता हुंडई मोटर इंडिया की बिक्री 7.53 फीसद घटकर 32,364 कार रह गई। टाटा मोटर्स की बिक्री 52.07 फीसद लुढ़ककर 8,918 कार रह गई।