लखनऊ। कासगंज की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर राज्यपाल राम नाईक ने योगी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि यह घटना उत्तर प्रदेश के लिए कलंक है। सरकार को दोबारा ऐसी घटना को रोकने के लिए सभी प्रभावी कदम सुनिश्चित करने चाहिए।
लखनऊ में सोमवार को महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में राज्यपाल ने कहा कि सरकार के पिछले नौ-दस महीने के कार्यकाल में ऐसी घटना नहीं हुई है। यह प्रदेश सरकार के लिए शर्मनाक है। राज्यपाल ने इससे पहले 26 जनवरी की शाम को राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी कासगंज मामले की पूरी जानकारी ली थी और उन्हें प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया था।
गौरतलब है कि राज्यपाल का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सरकार कासगंज में हिंसा को लेकर विपक्षी दलों के हमले का सामना कर रही है। कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश दिवस का उद्घाटन करने आए उप राष्ट्पति वेंकैया नायडू ने भी प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने सलाह दी थी कि कानून व्यवस्था पर नियंत्रण के लिए लोगों से हथियार वापस ले लेने चाहिए।
एसपी सुनील कुमार सिंह हटाए गए-
इस बीच कासगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में शासन ने सोमवार को एसपी सुनील कुमार सिंह को हटा दिया है। एसपी, पीटीएस मेरठ पीयूष श्रीवास्तव को यहां का नया एसपी बनाया गया है। सुनील सिंह को पीटीसी मेरठ भेजा गया है। शुरुआती टकराव के बाद अगले दिन भी आगजनी व उपद्रव पुलिस कप्तान पर भारी पड़ा। बताया गया है कि एसपी का जनता से संवाद व तालमेल नहीं था। हालांकि, इस पर पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।
अब तक 125 आरोपी गिरफ्तार, एसआइटी ने शुरू की विवेचना-
आम जनता के दिमाग से दहशत दूर करने के लिए आला अधिकारियों ने सोमवार को कासगंज में पैदल भ्रमण किया। आदेश के बावजूद स्कूल-कॉलेज बंद रहे। डीजीपी ओपी सिंह के निर्देश पर गठित एसआइटी ने अब तक दर्ज कराए गए पांच मुकदमों की विवेचना शुरू कर दी है।
यहां हुई हिसा किसी पूर्व नियोजित साजिश का परिणाम तो नहीं थी, पुलिस इसकी भी गहनता से जांच कर रही है। एडीजी कानून-व्यवस्था आनन्द कुमार का कहना है कि पुलिस सभी बिंदुओं पर पड़ताल कर रही है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने अब तक 125 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अन्य की तलाश की जा रही है।
डीएम ने मृतक चंदन के परिजनों को सौंपा 20 लाख का चेक-
वहीं चंदन के परिजनों को सोमवार को डीएम आरपी सिह ने शासन की ओर से 20 लाख रुपये का चेक दिया। इस दौरान अमापुर विधायक देवेंद्र सिंह, डीएम और एसपी का परिजनों के अलावा मौजूद लोगों ने जमकर विरोध किया। डीएम आरपी सिंह ने कहा कि हालात सामान्य हो रहे हैं। सोमवार रात 10 बजे के बाद इंटरनेट सेवा बहाल कर दी जाएगी।
मृत बताए जा रहे राहुल उपाध्याय को सामने लेकर आई पुलिस-
कासगंज बवाल में चंदन गुप्ता के साथ सोशल मीडिया पर राहुल उपाध्याय की अलीगढ़ के अस्पताल में मृत्यु होने का मैसेज वायरल हो रहा था। राहुल उपाध्याय को सोमवार को पुलिस-प्रशासन ने मीडिया के सामने पेश किया। राहुल ने कहा कि वह सकुशल है, उसे कुछ नहीं हुआ था।