सीतापुर-अनूप पाण्डेय,अमरेंद्र पाण्डेय/NOi-
हम कासगंज में हुई साम्प्रदायिक हिंसा से बेहद व्यथित और चिंतित है।गणतंत्र दिवस के दिन ऐसी घटना होना भारतीय लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है।पिछले कुछ समय से हम देश भर में बढ़ते साम्प्रदायिक तनाव और नफ़रत के साक्षी रहे हैं।
धर्म के आधार पर ट्रेनों से लेकर घरों तक में घुसकर आमजन और लेखकों, कलाकारों की हत्याएँ जिस तरह आम होती जा रही हैं वह स्पष्ट तौर पर सत्ता व्यवस्था की नाकामी तो है ही लेकिन शासन से जुड़े लोगों का उनके प्रति रवैया और भी दुखद है।
इसे केवल क़ानून व्यवस्था की नाकामी कहकर नहीं छोड़ा जा सकता,दरअसल यह नफरत फैलाने वाले कुछ स्वार्थी लोगों के लगातार विषवमन का परिणाम है जो बेरोज़गारी, मँहगाई और वंचना के लगातार बढ़ते जाने के बरक्स एक आड़ में तब्दील होती जा रही है।
हम इस घटना की निंदा तो करते ही हैं,साथ में विशेष तौर पर नौजवानों से यह अपील करते हैं कि लाशों पर रोटी सेंकने वाली साम्प्रदायिक ताक़तों के बहकावे में न आयें और उनकी असल मंशा समझें।
वे आपको शिक्षा,रोज़गार और एक सम्मानजनक जीवन देने की जगह बन्दूक, भाले, तलवार और पिस्तौल थमा रहे हैं जिससे आप एक दूसरे के खून के प्यासे हो जाएँ।
ज़रा सोचिये कि इन घटनाओं में कभी सत्ताशीन लोगों को कोई नुकसान क्यों नहीं पहुँचता?ज़रा सोचिये कि इस तरह की मारकाट अंततः किसे लाभ पहुँचाएगी?ज़रा सोचिये कि आँख के बदले आँख की यह दौड़ किस अंधे कुँए में ख़त्म होगी?
हम सरकार से मांग करते हैं कि अफ़वाह फैलाने वाले तत्वों पर शीघ्र कार्यवाही करें और आमजन से अपील करते हैं कि अफ़वाह फैलाने वाले लोगों से सावधान रहें और उन्हें बेनक़ाब करें।प्रशासन शीघ्र से शीघ्र तनावग्रस्त इलाक़ों में शान्ति स्थापित करने की कोशिशें करे जिससे किसी के भी जानमाल को और नुकसान न पहुँचे।हम मीडिया से भी भड़काऊ ख़बरों से बचने तथा साम्प्रदायिक ख़बरों के प्रचार प्रसार पर रोक लगाने की मांग करते हैं।
लेकिन उम्मीद हमें अपनी जनता से ही है कि वह इस देश को साम्प्रदायिक आग से झुलसने से बचाने में अपनी महती भूमिका निभाये और शान्ति तथा सद्भाव से इस माहौल से कासगंज और देश को निकालने में मदद करें।