मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मुसलमानों को लुभाने में लगे हैं। हाल ही में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अखिलेश यादव का जब लखनऊ में रोड शो हुआ, तो उनका काफिला मुस्लिम इलाकों में खूब घूमा।
हालांकि सुन्नी सूफी मुसलमानों की देश में बड़ी संस्थाओं में एक ऑल इंडिया उलेमा मशायेख बोर्ड अखिलेश की उम्मीदों पर पानी फेरने में जुटी हुई है। ऑल इंडिया उलेमा मशायेख बोर्ड ने एलान किया है कि किसी हाल में मुसलमान अखिलेश की पार्टी सपा को न वोट करें।
जानकारों की मानें, तो यह एलान अखिलेश के हित में नहीं है, क्योंकि यह संगठन मुसलमानों के बीच हैसियत रखता है। ऑल इंडिया उलेमा मशायेख बोर्ड ने एलान किया है कि मुसलमान बसपा का साथ दें।
मुस्लिम वोटरों के सहारे सत्ता का ख्वाब संजोए बैठी समाजवादी पार्टी को यह जोरदार झटका है। ऑल इंडिया उलेमा मशायेख बोर्ड ने कहा है कि सपा सरकार ने पिछले पांच साल में मुसलमानों से किया एक भी वादा पूरा नहीं किया, बल्कि मुसलमानों पर जुल्म ढाए, जिसका जवाब अब मुसलमान चुनाव में देंगे।
ऑल इंडिया उलेमा मशायेख बोर्ड के प्रवक्ता कारी आमिर रजा अशरफी ने कहा कि सुन्नी सूफी मुसलमानों की समस्याओं को समाजवादी पार्टी ने वादा करने के बाद भी पूरा नहीं किया। इस विधानसभा चुनाव में भी हमारी मांगों को अपने घोषणा पत्र तक में शामिल नहीं किया, जबकि दूसरी तरफ बसपा सुप्रीमो मायवती सुन्नी सूफी मुसलमानों की हर समस्या को निपटाने की बात कर रही है। इसलिए ऑल इंडिया उलेमा मशयेख बोर्ड बसपा को वोट की अपील करता है।