दीपक ठाकुर:NOI:-
10 सितम्बर वो दिन जिस दिन को लेकर विपक्षी पार्टीयों ने सरकार को घेरने के लिए भारत बंद का एलान कर दिया था।इस एलान में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के साथ 21 अन्य दलों का भी समर्थन था जो दिल्ली के रामलीला ग्राउंड पर धरने के दौरान दिखाई भी दिया।अब तस्वीर कैसे बदलती है ये देखिए आज का बंद किसलिए था ये हम सबको पता ही चल गया क्योंकि प्रचार काफी पहले से किया गया था पर भूमिकाएं बदली थी मांग एक थी और जवाब भी एक ही था अब वो कैसे ये भी देखिए।
आज का बन्द था महंगाई को लेकर बढ़ी हुई पेट्रोलियम की कीमतों को लेकर जो भाजपा सरकार में है उसने ये काम तब किया था जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और कांग्रेस ने तब किया है जब वो विपक्ष में है मतलब फ़िल्म पुरानी है किरदार बदल गए हैं।
अब आते है केंद्रीय मंत्री रविशंकर के बयान पर जो उन्होंने बन्द को लेकर दिया है।उनका कहना था कि आज का बन्द विपक्ष की साजिश है और इसको जनता का समर्थन नही मिला तो मेरा सवाल क्या आपके विरोध में जनता आपके साथ खड़ी रहती थी?अब दूसरी बात इनका कहना है कि पेट्रोल की कीमतों पर सरकार का कोई नियंत्रण नही रहता इसका मूल्य अंतराष्ट्रीय बाज़ार से तय होता है,अब मेरा दूसरा सवाल तो क्या ये बात आपको तब नही पता थी जब आप विपक्ष में थे अगर पता थी तो सरकार का उस वक़्त विरोध क्यों होता था ये आप बता दीजिए।
अब रही बात जनता की तो वो किसके साथ है किसके साथ नही है ये बात वक़्त आने पे पता चल ही जाएगी लेकिन खुद ही किसी बात का आकलन कर लेना ये बहुत जल्दबाज़ी होगी क्योंकि जनता सड़क पर खुद कभी नही आती राजनैतिक पार्टियों द्वारा बुलाई जाती है,वो सब देखती सुनती और समझती है फिर बात चाहे महंगाई की हो या पिछले वादों की वो सभी का आकलन करती है और अपनी मोहर उस वक़्त लगाती है जब उसे लगता है कि इसमें कोई दिखावा कोई छलावा नही है ये दिल की आवाज़ है जो दिल्ली की सरकार बदल भी सकती है।