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Wednesday, October 16, 2024

केजरी को सत्ता में रहने का हक नहीं, इस्तीफा दें: BJP-कांग्रेस; अन्ना बोले- कहा था पार्टी मत बनाओ



नई दिल्ली. ऑफिस ऑफ प्रॉफिट (लाभ के पद) मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता खतरे में है। न्यूज एजेंसी के सूत्रों की मानें तो शुक्रवार को चुनाव आयोग (EC) ने राष्ट्रपति को भेजी सिफारिश में AAP विधायकों की सदस्यता रद्द करने की बात कही। इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस ने मांग की है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। वहीं, इंडिया अगेंस्ट करप्शन मूवमेंट में केजरी के सहयोगी रहे समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा, ”मैंने कहा था कि पार्टी मत बनाओ। इससे देश सेवा नहीं हो सकती। ऐसा होता तो आजादी के 70 सालों में देश के हालात बदल जाते।”
सीएम केजरीवाल इस्तीफा दें: विपक्ष की मांग
1. बीजेपी स्पोक्सपर्सन संबित पात्रा ने कहा, ”आप विधायकों के खिलाफ आपराधिक और भ्रष्टाचार के मामले दिखाते हैं कि जिस पार्टी ने अपना राजनीतिक सफर इंडिया अगेंस्ट करप्शन से किया था, वो अब ‘आई एम करप्शन’ बन गई है। केजरीवाल के बहुत सारे कैबिनेट सदस्यों को इस्तीफा देना पड़ेगा। उनके 15 विधायकों के खिलाफ केस हैं और 12 कई आरोपों में अरेस्ट हो चुके हैं। इस माहौल में सबसे बड़ा सवाल लोगों के सामने ये है कि क्या अरविंद केजरीवाल की सरकार के पास सरकार में बने रहने का कोई भी नैतिक अधिकार है?”
2. कांग्रेस स्पोक्सपर्सन ने कहा, ”हमारी पार्टी 22 जनवरी से केजरीवाल सरकार को हटाने और उसे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बेनकाब करने के लिए जनआंदोलन छेड़ेगी। अरविंद केजरीवाल के पास सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उनके आधे मंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों में हटाए जा चुके हैं और आधे भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। अब उनके 20 विधायक जो मंत्रियों जैसी सुविधाएं उठा रहे थे, वे भी डिसक्वालिफाइड हो जाएंगे।”
3.समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा, ‘”हमने अरविंद केजरीवाल से उसी दिन अपने रास्ते अलग कर लिए थे, जब उन्होंने आम आदमी पार्टी बनाई। अब हममें कोई बातचीत नहीं है। मैंने उनसे कहा था कि पार्टी मत बनाओ। पार्टी बनाने से देश की सेवा नहीं हो सकती। अगर ऐसा होता तो आजादी के 70 सालों में देश के हालात बदल गए होते।”
4.आप से निकाले गए विधायक कपिल मिश्रा ने कहा, ”केजरीवाल ने दिल्ली और पंजाब में सरकारी खर्चे पर प्रचार कराने के लिए जल्दबाजी में संसदीय सचिवों को दफ्तर, गाड़ियां और बंगले दिए। अब झूठ का पर्दाफाश हो गया है और इन 20 विधायकों की कुर्सी जाना निश्चित है। केजरीवाल लालच में अंधे हो चुके थे। इसी के चलते आप विधायकों पर यह संकट पैदा हुआ है। अब चुनाव होंगे और सभी सीटों पर केजरीवाल की जमानत जब्त होगी।”

आम आदमी पार्टी ने क्या कहा?
 AAP विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा, “चीफ इलेक्शन कमिश्नर एके जोति रिटायरमेंट से पहले प्रधानमंत्री का कर्ज उतार रहे हैं। जब मोदी गुजरात के सीएम थे, तब एके जोति प्रिंसिपल सेक्रेटरी थे और फिर चीफ सेक्रेटरी बने। वे सोमवार को रिटायर हो रहे हैं। तो आप (EC) मोदी जी का कर्ज उतारना चाहते हैं। आपने इलेक्शन कमिश्नर जैसी संवैधानिक पोस्ट को बंधुआ बना रखा है।”
“खबर चल रही है कि AAP के 20 विधायकों के बारे में EC ने राष्ट्रपति को सिफारिश भेजी। आरोप है कि किसी आदमी ने शिकायत की है कि AAP के 21 विधायकों के पास लाभ के पद हैं। ये वो पद होते हैं, जिनके पास सरकारी गाड़ी, बंगला है या फिर उन्हें तनख्वाह मिल रही है। किसी को भी ये सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।”
 वहीं, AAP लीडर आशुतोष ने ट्वीट किया, ”इलेक्शन कमीशन का फैसला स्वाभाविक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है।”

EC के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची आप

ऑफिस ऑफ प्रॉफिट (लाभ के पद) मामले में राष्ट्रपति से इलेक्शन कमीशन की सिफारिश के बाद दिल्ली के 7 विधायकों ने दिल्ली हाईकोर्ट में तुरंत सुनवाई की मांग की। सुनवाई के दौरान HC ने विधायकों को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। इस मामले पर अब सोमवार को सुनवाई होगी।
बता दें कि मामले में ईसी ने आप के 21 विधायकों को नोटिस जारी किया था। एक विधायक ने पंजाब से चुनाव लड़ने के लिए दिल्ली विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। इस वजह से केस 20 विधायकों के खिलाफ था।
 अरविंद केजरीवाल सरकार ने इन विधायकों को संसदीय सचिव अप्वाइंट किया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने ही 8 सितंबर 2016 को 21 विधायकों के संसदीय सचिवों के तौर पर अप्वाइंटमेंट को रद्द कर दिया था।

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