लखनऊ। बाराबंकी के एक ड्राईवर की केजीएमयू में आंत का ऑपरेशन होने के बाद किडनी गायब होने का मामला पिछली 5 मई को ‘केजीएमयू के डॉक्टरों पर आंत के ऑपरेशन के दौरान किडनी गायब करने का आरोप!’ नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस खबर का संज्ञान लेते हुए मामले चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन ने के.जी.एम.यू. के डॉक्टरों पर किडनी चोरी के आरोपों की जांच के लिए पीजीआई के वरिष्ठ चिकित्सक प्रो. आर.के. शर्मा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी गठित कर मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही टीम से रिपोर्ट को दो सप्ताह के अंदर तलब किया है।
बाराबंकी के एक मरीज ने लगाया है आरोप
बाराबंकी जिले के भवानी बक्स मजरा निवासी पृथ्वीराज (23) पुत्र राजाराम ट्रैक्टर चालक है। पीड़ित के अनुसार 19 फरवरी, 2015 को ट्रैक्टर के पलटने से वह घायल हो गया,इस हादसे में घायल पृथ्वीराज को लेकर परिजन बाराबंकी जिला अस्पताल गए। यहां एक निजी डायग्नोस्टिक सेंटर पर अल्ट्रासाउंड कराकर जिला अस्पताल की इमरजेंसी में दिखाया तो यहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने आंत फटी बताकर केजीएमयू रेफर कर दिया। आरोप है कि भाई विमलेश व मौसी रामदुलारा को बाराबंकी अस्पताल के चिकित्सक ने केजीएमयू में परिचित डॉक्टरों का हवाला देकर मदद का भी आश्वासन दिया। साथ ही एंबुलेंस से केजीएमयू भेजकर खुद रात में ऑपरेशन के वक्त मौजूद रहा।
पृथ्वीराज 19 फरवरी, 2015 को दोपहर करीब ढाई बजे ट्रॉमा सेंटर पहुंचा। कैजुअल्टी में पहुंचते ही पृथ्वीराज का अल्ट्रासाउंड समेत रक्त संबंधी जांचें कराई गईं।
इसमें दाहिनी व बायीं, दोनों किडनी मौजूद थीं। आंत का ऑपरेशन रात में ही करने का फैसला किया गया, डॉक्टरों ने ट्रॉमा सेंटर में रात 11:45 पर मरीज को ओटी में शिफ्ट कर ओपेन सर्जरी की। इसके बाद सुबह साढ़े छह बजे मरीज को बाहर निकाला गया। परिजनों का कहना है कि 19 फरवरी, 2015 से भर्ती पृथ्वीराज की हालत ऑपरेशन के बाद भी पूरी तरह ठीक नहीं हुई, ऐसे में डॉक्टरों ने एक माह तक भर्ती रखा। 20 मार्च, 2015 को पृथ्वीराज को डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके बाद मरीज कमजोरी, पेट में दर्द आदि की शिकायत होने पर केजीएमयू का चक्कर लगाता रहा। डॉक्टर उसे ऑपरेशन होने का हवाला देकर जल्द ठीक होने का आश्वासन देते रहे।
ऑपरेशन के बाद पेट दर्द की समस्या बनी रहने और धीरे-धीरे कमजोरी का शिकार होने पर पृथ्वी राज ने एक स्थानीय डॉक्टर की सलाह पर 15 अप्रैल, 2017 को जब अल्ट्रासाउंड कराया तो पहली बार दायीं किडनी गायब होने का पता चला। विश्वास न होने पर उसने 17 अप्रैल को अल्ट्रा डायग्नोस्टिक सेंटर पर दोबारा जांच कराई। यहां भी जांच रिपोर्ट में दायीं किडनी नदारद बताई गई तो मालूम हुआ कि किडनी नहीं है।