नई दिल्ली। कुछ देर बाद पीएम नरेंद्र मोदी जर्मनी से वापस लौट आएंगे। उसके कुछ देर बाद कैबिनेट की अहम बैठक होगी। इसमें सरकार कठुआ और उन्नाव कांड में हुई किरकिरी पर डैमेज कंट्रोल की कोशिश करेगी। इसके अन्तर्गत प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (पॉक्सो) एक्ट में बदलाव कर 12 साल से कम की बच्चियों के बलात्कार के दोषी को मौत की सजा पर कैबिनेट अपनी मुहर लगाने जैसा अहम फैसला ले सकती है। अगर ऐसा हुआ तो 12 साल से कम की बच्चियों के बलात्कार के दोषी को मौत की सजा दिए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
अभी तक मौत की सजा का प्रावधान नहीं
महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने हाल में कठुआ और उन्नाव सहित अन्य घटनाओं को लेकर चिंता जाहिर की थी। इस तरह की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए उनका मंत्रालय आज कैबिनेट के समझ पॉक्सो एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव पेश करेगा। फिलहाल इस कानून में दोषियों के लिए मौत की सजा का प्रावधान नहीं है। भारत में मौत की सजा का प्रावधान केवल रेयरेस्ट ऑफ द रेयरेस्ट केस में ही संभव है। इस बैठक से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका के जवाब में एक पत्र देकर कहा कि वह पॉक्सो एक्ट में संशोधन करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है, जिसके तहत 12 साल से कम की बच्चियों के साथ बलात्कार के लिए फांसी की सजा का प्रावधान होगा।
स्पेशल सेल बनाने के निर्देश
महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने दो दिन पहले सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर यौन उत्पीड़न से निपटने के लिए स्पेशल सेल बनाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल को लिखे गए पत्र में मेनका गांधी ने कहा था कि ऐसे मामलों की जांच और सबूत इकट्ठा करने के लिए पुलिस के लोगों की विशेष ट्रेनिंग होनी चाहिए और राज्यों में फॉरेंसिक लैब की स्थापना होनी चाहिए, जिससे दोषी बच न सके और उन्हें तेजी से सजा दिलाई जा सके।
एससी में 27 को होगी सुनवाई
इस मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 27 अप्रैल को होगी। आपको बता दें कि कठुआ में आठ साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार और उसके बाद हत्या की घटना के बाद से ऐसे अपराध के लिए फांसी की सजा की मांग उठ रही है। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के प्रस्ताव को हर तरफ से समर्थन मिला है। नाबालिगों से बलात्कार की बढ़ती घटनाओं को लेकर राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर पीएम मोदी का ध्यान इस ओर खींचा था। राहुल ने अपने ट्वीट में कहा था कि सिर्फ 2016 में ही नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार के 19,675 मामले सामने आए। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री को इन मामलों में तेजी से सुनवाई करके पीड़ितों को न्याय दिलाने का उपाय करना चाहिए।