लखनऊ, मो इरफान शाहिद। राजधानी लखनऊ के हाईटेक बस अड्डा जहां देखने मे तो सब अच्छा लगता है लेकिन वहाँ बैठे कर्मचारी अपनी ज़िम्मेदारी से बचते नज़र आते हैं। ऐसी सुुुविधाओं से लेस कैसरबाग बस-स्टॉप अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आराम-गाह है। यात्रियों को हो रही असुविधा से इन्हें कोई फर्क नही पड़ता। सरकार के तमाम दावे यहां खोखले नज़र आते हैं। ऐसा ही दिन भर में कई मामले सामने आते हैं जब यहां यात्रियों से बदलूकी की जाती है।
कैसरबाग बस-स्टॉप पर बना पूछताछ का काउंटर बदसलूकी का काउंटर हो गया है। जहां यात्रियों से बदसलूकी होती है। दिन भर में सैकड़ों यात्री यहां बसों की जानकारी के लिए इस काउंटर से जानकारी हासिल करते हैं। लेकिन यहां बैठे कर्मचारी का ऊँची आवाज़ और बेरुखी की वजह से यात्री घबरा जाते हैं। यहां बैठे कर्मचारियों की वजह से यात्री आपस मे ही पूछ लेते हैं लेकिन बदसलूकी के भय से पूछताछ वाले काउंटर पर नही जाते हैं। यहां मौजूद तमाम यात्रियों से जब बात की तो पता चला कि यह रवैय्या इनका रोज़ का है। एक बार अगर पूछ लिया तो दुबारा जानकारी नही देते हैं। यहां मौजूद कमोवेश सभी यात्रियों की यही शिकायत है। इस बदसलूकी से यह तो ज़रूर है कि लखनऊ आए बाहर के यात्री यहां से कुछ अच्छी यादें नही लेकर जाते होंगे। देखने वाली बात यह है कि सरकार इस तरह बने जनहित काउंटर पर बैठे कर्मचारियों पर कार्यवाई कब करेगी??