उन्नाव. गरीबों को दिया जाने वाला राशन कोटेदार द्वारा ब्लैक कर दिया जाता है। कोटेदार से पूछताछ करने पर कि राशन कब तक मिलेगा पर शराब पीकर ग्रामीणों को अपमानित करता है। इस संबंध में ग्रामीणों ने जिला पूर्ति अधिकारी, उप जिलाधिकारी, जिलाधिकारी से शिकायत कर चुके हैं। ग्रामीणों ने इसी प्रकार की शिकायत सम्पूर्ण समाधान दिवस में भी कर चुके है। परंतु कोटेदार के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। ग्रामीणों का कहना है कि जब भी वह लोग जिला पूर्ति अधिकारी से मिलते हैं तो कहते हैं बस कुछ दिन रुको कोटा निलंबित कर देंगे। लेकिन समय निकल जाता है और कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। ग्रामीणों की मानें तो लगभग 11 बार शिकायत कर चुके हैं। इंस्पेक्टर द्वारा एक बार जांच भी हो चुकी है और कोटा 2 महीने के लिए निलंबित भी किया जा चुका है। परंतु कोटेदार की कार्यप्रणाली में कोई अंतर नहीं आया। इस संबंध में आज एक बार फिर ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मिलने का प्रयास किया। उनकी अनुपस्थिति में जिला पूर्ति अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर ग्रामीण वापस चले गए। पीड़ित ग्रामीणों ने बताया कि जिला पूर्ति अधिकारी ने बुधवार तक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
2 माह निलंबित रहने के बाद फिर बहाल हुआ कोटा
मामला हसनगंज तहसील के भरहा समसपुर का है। उक्त गांव निवासी बृजेश कुमार ने बताया कि उनके गांव का कोटेदार कमलेश विगत कई माह से ग्रामीणों को राशन नहीं करता है और यदि देता भी है तो अपने चाहने वाले अपात्रों के बीच वितरण कर देता है। कोटेदार द्वारा अगस्त-सितंबर माह का मिट्टी तेल भी ब्लैक कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि हम लोगों ने उप जिलाधिकारी को कई बार शिकायत ही पत्र देकर कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। शिकायत की जांच करने आए भास्कर मिश्रा ने कोटेदार को दोषी पाया और कोटा निलंबित कर दिया। परंतु दो माह निलंबित रहने के बाद कोटा फिर संदिग्ध परिस्थितियों में बहाल कर दिया गया। अब फिर वह अपनी मनमानी और पूछने पर गाली गलौज करता है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से शासन द्वारा मिलने वाला राशन व मिट्टी तेल दिलाने की मांग करते हुए कोटा निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि नियमानुसार उसकी जगह दूसरा कोटेदार चयन कर वर्तमान कोटेदार के खिलाफ जांच कर कानूनी कार्रवाई की जाये। माह निलंबित रहने के बाद फिर बहाल हुआ कोटा
मामला हसनगंज तहसील के भरहा समसपुर का है। उक्त गांव निवासी बृजेश कुमार ने बताया कि उनके गांव का कोटेदार कमलेश विगत कई माह से ग्रामीणों को राशन नहीं करता है और यदि देता भी है तो अपने चाहने वाले अपात्रों के बीच वितरण कर देता है। कोटेदार द्वारा अगस्त-सितंबर माह का मिट्टी तेल भी ब्लैक कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि हम लोगों ने उप जिलाधिकारी को कई बार शिकायत ही पत्र देकर कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। शिकायत की जांच करने आए भास्कर मिश्रा ने कोटेदार को दोषी पाया और कोटा निलंबित कर दिया। परंतु दो माह निलंबित रहने के बाद कोटा फिर संदिग्ध परिस्थितियों में बहाल कर दिया गया। अब फिर वह अपनी मनमानी और पूछने पर गाली गलौज करता है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से शासन द्वारा मिलने वाला राशन व मिट्टी तेल दिलाने की मांग करते हुए कोटा निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि नियमानुसार उसकी जगह दूसरा कोटेदार चयन कर वर्तमान कोटेदार के खिलाफ जांच कर कानूनी कार्रवाई की जाये।