सीतापुर-अनूप पाण्डेय,मोहित शुक्ला:NOI।
सीतापुर के महोली में मौजूद है राम रहीम के फलते फूलते कुनबे की निशानियां।
रंग रलियो के महल से लेकर बाबा राम रहीम की महोली तक की दास्तान
पिसावां। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख जड़े देश के कोने कोने में फैली है, आये रोज नए खुलाशे हो रहे है,अभी हाल ही में डेरा सच्चा सौदा का कनेक्सन महोली से भी जुड़े होने की बात सामने आ रही है,जब इसकी पड़ताल की गयी तो खुलासे चौकाने वाले थे,महोली में फलते फूलते डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों की माने तो यहाँ पर खुद भी राम रहीम आ चुके है,महोली से उक्त मामले से यह भी साबित होता है।कि डेरा सच्चा सौदा तेजी के साथ अपने पैर कई जगह पसार रहा था।हमने डेरा सच्चा सौदा से जुड़े तथ्यों की जाँच पड़ताल की और इस के अनुयायियो एवं राम रहीम से मिल चुके प्रत्यक्ष दर्शियो से संपर्क साधने की कोशिश की कई लोग मामले पर लोग खुल कर बोले तो कई लोग मामले पर चुप्पी साध गए,
भले ही डेरा सच्चा सौदा हरियाणा के सिरसा का हो लेकिन बहुत ही जल्दी देश के कोने कोने में अपने बीज बो दिए, राम रहीम के कदम बेफौफ बढ़ते गए ,लोग जुड़ते गए देखते और काऱवा बनता गया देखते ही देखते राम रहीम के अंध भक्तों में अप्रत्यशित बड़ा इजाफा हुवा,वह जहा भी जाता था लोगो से कार्यक्रम के लिए जमीन मांगता और कार्यक्रम करता, लोगो को जोड़ता और चलते बनता,दिनों दिन वह मजबूत होता गया,और जुर्म की दुनिया का आका अंध भक्तों की ताकत पर फूलने लगा। और यही से शुरू हुवा राम रहीम का गिनोना खेल। वह अंध भक्तों का साथ देख कर खुद को कानून का भी भगवान समझने लगा। उसे लगता था कानून कितने भी लम्बे हो लेकिन उस तक नहीं पहुच सकते और इसी गलत फहमी ने उसे जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह बना दिया।और वह देश के कोने कोने के साथ अपनी छाप सीतापुर के महोली तहसील में भी छोड़ गया। इसी कड़ी में सरदार नगर निवासी जगदीश राम ने बताया कि वर्ष 2005 में 8अप्रैल को बाबा राम रहीम के शिष्य आकार के हम से मिले और कार्यक्रम जमीन के लिए जमीन मांगी उसके बाद राम रहीम के समर्थक कई ट्रकों में सामान लेकर आये मेरे कारदेव स्थित फार्म के पड़ोस में हरियाणा डवाली के निवाशी पन्ना लाल के फर्म में अपना डेरा जमाया और रात्रि विश्राम किया।राम रहीम इस इस तरह से ज्ञान की बाते कर कर के लोगो को अपने जाल में फसता गया और अपने शिष्य बनाता गया।इसी तरह से कानून को खिलौना समझ के खेलता गया।