खोजी पत्रकारिता के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय काम किए है कोबरापोस्ट ने। इस बार कोबरापोस्ट के ‘ऑपरेशन 136’ में देश के कई नामचीन मीडिया संस्थान सत्ताधारी दल के लिए चुनावी हवा तैयार करने को तैयार होते दिखाई दिए। कोबरा पोस्ट के इस खुलासे ने देश के मीडिया जगत की पोल खोल कर रख दी है। कोबरा पोस्ट के मुताबिक स्टिंग ऑपरेशन में उनके पत्रकार को उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर का भी सहयोग मिला। राजभर की सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी ने पुष्प शर्मा को स्टिंग के दौरान पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई का प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी के तौर पर पेश होने में मदद की। बता दें कि ऑपरेशन 136 के दौरान पत्रकार ने खुद को सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई का भी अध्यक्ष बताया था। इस पूरी इंवेस्टीगेशन को ऑपरेशन 136 नाम इसलिए दिया गया क्योंकि वर्ष 2017 के प्रेस इंडेक्स में भारत विश्व में 136वें पायदान पर है।
‘ऑपरेशन 136’
इस स्टिंग ऑपरेशन में विपक्ष और विपक्षी दलों के बड़े नेताओं का दुष्प्रचार करके चरित्र हनन करने और उनके खिलाफ झूठी अफवाहें फैलाकर उनकी छवि को धूमिल करके सत्तारूढ़ दल के पक्ष में माहौल बनाने की सौदेबाजी का भी खुलासा हुआ है। यहां तक की सत्ताधारी पार्टी के लिए इन लोगों ने पत्रकारिता की प्रतिष्ठा को दांव पर रखते हुए नागरिक स्वतंत्रता और अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने वालों के खिलाफ खबरें बनाने पर भी अपनी सहमति जताई है। कोबरा पोस्ट के लिए पूरी तहकीकात पत्रकार पुष्प शर्मा ने श्रीमद् भगवत् गीता प्रचार समिति, उज्जैन का प्रचारक बनकर और खुद का नाम आचार्य छत्रपाल अटल बताकर की। इस दौरान देश के करीब तीन दर्जन बड़े मीडिया संस्थानों के वरिष्ठ और जिम्मेदार अधिकारियों से उन्होंने मुलाकात की और एक खास तरह का मीडिया कैंपेन चलवाने के लिए 6 से 50 करोड़ रुपये तक का अपना बजट बताया।
16 मीडिया संस्थानों का स्टिंग ऑपरेशन
दरअसल कोबरा पोस्ट ने ऑपरेशन 136 का अभी पहला भाग जारी किया है जिसमें कुल 16 मीडिया संस्थानों के नाम सामने आए हैं। जिनमें अमर उजाला, पंजाब केसरी, दैनिक जागरण, इंडिया टीवी, सब नेटवर्क, डीएनए (डेली न्यूज एंड एनालिसिस) और यूएनआई जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इसके अलावा स्कूप व्हूप, रेडिफ डॉट कॉम, 9एक्स टशन, समाचार प्लस, एचएनएन लाइव 24×7, स्वतंत्र भारत, इंडिया वॉच, आज हिंदी डेली, साधना प्राइम न्यूज को भी सौदेबाजी में लिप्त पाया गया है। इन सभी मीडिया संस्थानों से जुड़े बड़े पदों पर बैठे लोगों की बातचीत को स्टिंग ऑपरेशन में दिखाए गया है।
स्टिंग ऑपरेशन में सामना आया सच
-कोबरा पोस्ट के मुताबिक
-ये आधात्मिक और धार्मिक प्रवचनों की आड़ में हिंदुत्व को बढ़ावा देने के लिए तैयार हो गए ।
-इलेक्शन धार्मिक आधार पर तरंगित करने वाला कंटेंन्ट चलाने को हो गए तैयार
-ये सत्ताधारी पार्टी को फायदा पहुंचाने और विरोधी पार्टी के नेताओ की छवि खराब करने और बदनाम करने वाला कटेंट चलाने को तैयार हो गए।
-इसमें से कई संस्थान काम के लिए रकम कैश में भी लेने को तैयार हो गए।
-कई संस्थानों के मालिक और अधिकारियों ने आरएसएस से अपने जुड़ाव की बात मानी या फिर पहले से अपना झुकाव हिन्दुत्व की ओर होने की बात कही।
-कुछ ने तो केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, मनोज सिन्हा, जयंत सिन्हा, मेनका गांधी और उनके पुत्र वरुण गांधी के खिलाफ खबरें चलाने पर भी सहमति दी।
-ये संस्थान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार मे भाजपा के सहयोगी दलों बड़े नेताओं जैसे अनुप्रिया पटेल, ओमप्रकाश राजभर और उपेन्द्र कुशवाह के खिलाफ भी खबरें चलाने के लिए तैयार थे।
-कुछ मीडिया संस्थान प्रशांत भूषण, दुष्यंत दवे, कामिनी जयसवाल और इंदिरा जय सिंह जैसे कानूनी जानकार और नागरिक समाज के बीच जाने-माने चेहरों को बदनाम करने पर भी सहमत दिखे।
-कुछ संस्थानों ने आंदोलन करने वाले किसानों को माओवादियो के तौर पर प्रस्तुत करने के लिए भी सहमति जताई।
-मीडिया संस्थान राहुल गांधी जैसे नेताओं की ‘चरित्र हत्या’ करने के लिए खास सामग्री तैयार करने और उसे बढ़ावा देने को भी राजी हो गए।
-पत्रकारिता के मूल सिद्धांत निष्पक्षता से समझौता
इस ऐजेंडे को लेकर किया स्टिंग ऑपरेशन
कोबरा पोस्ट के मुताबिक मीडिया संस्थानों से संपर्क साधा था उनमें चार बिंदु शामिल थे।
– मीडिया अभियान के शुरुआती और पहले चरण में हिंदुत्व का प्रचार करेगा, जिसके तहत धार्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से हिंदुत्व को बढ़ावा दिया जाएगा।
– इसके बाद विनय कटियार, उमा भारती, मोहन भागवत और दूसरे हिंदुवादी नेताओं के भाषणों को बढ़ावा देकर सांप्रदायिक तौर पर मतदाताओं को जुटाने के लिए अभियान खड़ा किया जाएगा।
– जैसे ही चुनाव नज़दीक आ जाएंगे, राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को टारगेट किया जाएगा।
– राहुल गांधी, मायावती और अखिलेश यादव जैसे विपक्षी दलों के बड़े नेताओं को पप्पू, बुआ और बबुआ कहकर जनता के सामने पेश किया जाएगा, ताकि चुनाव के दौरान जनता उन्हें गंभीरता से न ले और मतदाताओं का रुख अपने पक्ष मे किया जा सके।
– मीडिया संस्थानों को यह अभियान उनके पास उपलब्ध सभी प्लेटफॉर्म पर जैसे- प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, रेडियो, डिजिटल, ई-न्यूज पोर्टल, वेबसाइट के साथ-साथ सोशल मीडिया जैसे- फेसबुक और ट्विटर पर भी चलाना होगा।
ये है मीडिया संस्थान और अधिकारी जिनसे कोबरा पोस्ट ने बात की
हिंदी खबर- अतुल अग्रवाल– डायरेक्टर एंड एडिटर इन चीफ, (नोएडा)
इंडिया टीवी – जितेन्द्र कुमार, डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स), (नोएडा)
दैनिक जागरण- संजय प्रताप सिंह, एरिया मैनेजर (बिहार, झारखंड, ओडिशा)
श्री अधिकारी ब्रदर्स टेलीविज़न नेटवर्क- कैलाशनाथ अधिकारी, मैनेजिंग डायरेक्टर (मुंबई)
जी सिनर्जी एंड डीएनए- रजत कुमार, मुख्य राजस्व अधिकारी
9एनएक्स- प्रदीप गुहा, सीईओ (गुड़गांव)
समाचार प्लस- अमित त्यागी, सीनियर सेल्स, (नोएडा)
एचएनएन लाइव- अमित शर्मा, (सीईओ), देहरादून, (उत्तराखंड)
पंजाब केसरी- सुनील शर्मा
स्वतंत्र भारत- संजय सिंह श्रीवास्तव, एडिटर एंड बिजनेस हेड, (लखनऊ)
स्कूपव्हूप: सात्विक, सीईओ (दिल्ली)
विराज खानधादिया, एसोसिएट डायरेक्टर एड सेल्स, rediff.com, मुंबई
आज (हिंदी डेली)- हरिंदर सिंह साहनी, बिजनेस हेड/ ब्रांच हेड
साधना प्राइम न्यूज़– आलोक भट्ट, डायरेक्टर, (लखनऊ)
अमर उजाला- हिमांशु गौतम, बिजनेस हैड (दिल्ली)
यूएनआई- नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, ब्यूरो प्रमुख, (दिल्ली)