अब्दुल अज़ीज़
बहराइच :(NOI) कौमी यकजहती और हिन्दू मुस्लिम एकता की प्रतीक सुल्तान अल शोहदा हज़रत सैय्यद सालार मसऊद गाज़ी (रह0)का सालाना 1036 वाँ प्रोग्राम जशन ए विलादत लॉक डाउन की भेंट चढ़ गया और आज मुनक़्क़द होने वाला ये कार्यक्रम बड़ी ही सादगी के साथ महज चार छः लोगों की मौजूदगी में आस्ताने गाज़ी पर प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष शमसाद अहमद के जरिये मौके पर चरागां और मजार मुबारक पर गुल पोशी कर मुनक़्क़द किया गया।वहीं दूसरी तरह आशिकाने गाज़ी ने लाक डाउन के शबब अपने अपने घरों पर ही चरागा कुरान ए करीम की तिलावत और नजर व नियाज़ करा कर उन्हें इसाले शवाब पेश किया और जरूरत मन्दो में खाना वगैरा तकसीम किया।
दरगाह शरीफ इंतजामिया के सदर सैय्यद शमसाद अहमद की रहनुमाई में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुये खुद्दाम दरगाह शरीफ ने अंदरुनी किले में चरागा किया और और अपने घरों पर भी शमा रौशन कर अपनी खुशियों का इज़हार करते हुये एक दूसरे को मुबारकबाद पेश किया। जशन ए विलादत के इस मौके पर शाही इमाम व खतीब मौलाना अर्शदुल कादरी ने आलमी पैमाने पर फैली वबा कोरोना से आलिमे इंसानियत की हिफाज़त और इस मोहलिक बीमारी से मतासिर लोगों की सेहत्याबी के साथ ही हिन्दुस्तान की तरक़्क़ी खुशहाली भाई चारगी और अमन व अमान के लिए खुदा की बारगाह में दुआंये करवाई।
इस मौके पर दरगाह इंतिज़ामियां कमेटी के सदर सैय्यद शमशाद अहमद एडवोकेट ने बताया कि साहबे आस्ताना के जशन ए विलादत के मौके पर हर साल बड़े पैमाने पर दो रोजा तक़रीब का इनेकाद होता चला आ रहा है लेकिन इमसाल मुल्क में फैली कोरोना वबा के शबब हुकूमत की जानिब से नाफिस किये गये लाक डाउन और जारी गाईड लाईन पर अमल करते हुये दरगाह शरीफ में भीड़ इकठ्ठा ना हो इसलिये आस्ताने दरगाह शरीफ के बजाय घरों पर चरागाँ व दीगर रसुमात करने की सभी अकीदत मन्दो से गुज़ारिश की गई थी । उन्होंने बताया कि मुल्क के मुख़्तलिफ़ सूबों में अक़ीदतमन्दों ने सुबह से ही अपनी तैयारी करते हुये नजर नियाज़, इशाले शवाब और असर के बाद से चरागा का एहतिमाम कर अपनी मोहब्बतों का नजराना पेश किया और मुल्क से कोरोना की वबा का खात्मा हो इसके लिये खुदा से दुआँय मांगी गयी।