कोलकाता – एजेंसी। एक ओर जहां पूरा देश पुराने नोटों को बदलने के लिए एटीएम व बैंकों के सामने लंबी कतार में खड़ा है वहीं कोलकाता के व्यापारिक केंद्र बुर्राबाजार में ये नोट धड़ल्ले से बिक रहे हैं, वह भी महंगी कीमत पर। 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के लिए आपको यहां 550 रुपये और 1100 रुपये मिलेंगे। जी हां, यहां पुराने नोट महंगी कीमत पर बेचे जा रहे हैं।
एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार, सोमवार को नई करेंसी नोटों के साथ एक शख्स दुकान पर बैठा था। वह एक माह पहले भी वहां था, लेकिन तब वे 1000 रुपये के पुराने नोट के बदले केवल 800 और 850 रुपये के बीच एक्सचेंज कर रहा था। इस तरह के काम से कोई भी चकित हो सकता है, लेकिन इसके पीछे बड़ा कारण शेल कंपनियां हैं, जिन्हें अपनी बैलेंस शीट में ‘कैश इन हैंड’ दिखाना होता है, जिनमें बड़ी मात्रा में पेपर ट्रांजेक्शन दर्ज होता है। शहर की लेखा बिरादरी इस पूरी कोशिश को 31 दिसंबर को खत्म हो रही तीसरी तिमाही से पहले कंपनियों द्वारा किए पेपर ट्रांजेक्शन को सही साबित करने की कोशिश मान रही है।
बैलेंस शीट में ‘कैश इन हैंड’ के जरिए कंपनियों द्वारा नोट या सिक्कों के रूप में ली गई रकम को दिखाना है। आम भाषा में यह वह नकदी होती है जो छोटे खर्चों के लिए काम में आती है, लेकिन बैंक में जमा नहीं होती। 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोटबंदी की घोषणा के बाद शहर में व्यापार समुदाय ने हर संभावित तरीके को अपनाया चाहे वह नोटों की अदला-बदली हो या बैंक में जमा कराने की बात हो। खत्म होने जा रही तीसरी तिमाही में उनके पास ‘कैश इन हैंड’ दिखाने के लिए काफी कम कैश बचे हैं। आयकर अधिकारियों का सामना अनेकों ऐसी कंपनियों के साथ हुआ जिन्होंने बैलेंस शीट में ‘कैश इन हैंड’ में बड़ी रकम दिखायी लेकिन बैलेंस शीट पर कैश काफी कम था।
यदि इन कंपनियों ने लंबे समय तक ‘कैश इन हैंड’ दिखाया है, तब इनके पास 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों की शक्ल में बड़ी रकम होनी चाहिए। लेकिन आरबीआई गाइडलाइंस के अनुसार, ये पुराने नोट इस साल 30 दिसंबर तक बैंकों में जमा हो जाने चाहिए। इससे पुराने नोटों की मांग में अचानक तेजी आयी है।
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