28 C
Lucknow
Monday, January 20, 2025

क्या जियो ने किया कंपनियों को विलय के लिए मजबूर?

नई दिल्ली, एजेंसी । रिलांयस जियो के 200 दिनों के भीतर 10 करोड़ लोगों का यूजर बेस बनाने के बाद लगता है कि अब इसके कारण देश में टेलीकॉम ग्राहकों तक पहुंचने के लिए बड़ी लड़ाई शुरू हो चुकी है। देश के सबसे बड़ा टेलीकॉम नेटवर्क प्रोवाइडर भारती एयरटेल जल्द ही टेलीनॉर इंडिया का अधिग्रहण करने वाला है।

कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि आंध्रप्रदेश, गुजरात, बिहार समेत सात सर्कल्स में टेलीनॉर के व्यवसाय पर एयरटेल का कब्जा हो जाएगा। इससे कंपनी को 1800 मेगाहर्ट्ज 4जी एलटीई स्पेक्ट्रम में 43।4 मेगाहर्ट्ज का ज्यादा बैंडविद्थ मिलेगा। भारत में फिलहाल 4जी के लिए अधिकतर इसी बैंडविद्थ का इस्तेमाल किया जा रहा है। रिलायंस के 4जी के मैदान में उतरने के बाद उसे एक बड़े प्रतिद्वंदी के रूप में देखा जा रहा था।

गौरतलब है कि रिलायंस जियो सेवाएं लांच होने के अनुमान का सीधा असर 2013 और 2014 में हुए स्पेक्ट्रम ऑक्शन पर पड़ा था, जिसमें 1800 मेगाहर्ट्ज वायरलेस स्पेक्ट्रम की बिक्री हुई थी। रिलायंस के 4जी के मैदान में उतरने के बाद उसे एक बड़े प्रतिद्वंदी के रूप में देखा जा रहा था। फिलहाल एयरटेल के पास 26.9 करोड़ यूजर्स हैं

जियो ने दिया नया बिजनेस मॉडल

बीते साल जियो ने मुफ्त ऑफर के साथ भारतीय टेलीकॉम बाजार में 4जी सेवाएं देने की शुरूआत की। 10 करोड़ ग्राहक तक पहुंचने में इसे बस कुछ ही महीने लगे। जिसके बाद अब लोगों से जियो के लिए पैसे देने को कह रहा है।

दूसरी कंपनियों के वॉइस कॉल के लिए पैसे लेने वाले प्लान खत्म हो सकते हैं।

जियो के सहारे रिलायंस ऐसे लड़ेगा ‘प्राइस वॉर’

कॉल और डेटा दोनों के लिए एक प्लान पेश करके रिलायंस ने पूरे टेलीकॉम सेक्टर के लिए नया मॉडल दिया है। इस कारण दूसरी कंपनियों पर दबाव होगा जिस कारण अब दूसरी कंपनियों के वॉइस कॉल के लिए पैसे लेने वाले प्लान खत्म हो सकते हैं। इस बात से भी इंकार करना मुश्किल है कि भारतीय बाजार में 4जी हैंडसेट बिक तो रहे थे लेकिन जियो के मैदान में उतरने के बाद इसमें तेजी आई है।

वोडाफोन और आइडिया होंगे एक वोडाफोन भी अपने शेयर भारतीय शेयर बाजार में लिस्ट कराने की सोच रहा था, पर अब उस पर विचार नहीं किया जा रहा है। अब वोडाफोन और आइडिया भी एक होने की सोच रहे हैं। सरकारी टेलीकॉम कंपनी एमटीएनएल की हालत पहले से खस्ता थी।

अब अपने कर्मचारियों को तनख्‍वाह देने के लिए उसे बैंक से क़र्ज लेना पड़ रहा है। बीएसएनएल को अब ग्राहकों से पैसे जुटाने के लिए तरह तरह की स्कीम को घोषणा करनी पड़ रही है लेकिन ग्राहकों के आगे उसकी दाल नहीं गल रही है।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें