दीपक ठाकुर
हम बात कर रहे हैं सुशांत सिंह राजपूत की प्रेमिका रिया चक्रवर्ती की जिसने सुशांत को अपने प्यार में फसाया फिर उसका सारा माल उड़ाया और मौत से ठीक छह दिन पहले उनकी ज़िंदगी से ब्लाक हो गई।सूत्रों की माने तो लिवइन में सुशांत के साथ रहने वाली रिया चक्रवर्ती ने 8 जून को सुशांत का साथ छोड़ दिया 8 जून वही तारीख है जिस दिन दिशा सालियान की मौत हुई और इसके ठीक 6 दिन बाद रिया का प्रेमी सुशांत भी रहस्मय तरीके से मौत के मुह में चला गया तब जिस रिया ने कहा कि उसे इस मामले में सीबीआई जांच चाहिए आज वही रिया सीबीआई जांच को कटघरे में खड़ा कर रही है।
फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले सुशांत सिंह राजपूत ने भले ही फिल्मों में दहाई का आंकड़ा भी ना छुआ हो लेकिन उनकी ख्याति ने बड़े से बड़े दिग्गजों को दिन में तारे दिखाने का काम किया है लेकिन आज जब सुशांत सिंह इस दुनिया मे नही रहे तो उनकी मौत भी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नज़र नही आ रही अभी तक जो बात सामने आ रही है उससे तो यही लगता है कि सुशांत ने जिसपे विश्वास किया उसी ने उसका इस्तेमाल कर मौत के मुह में धकेल दिया।
अरे रिया चक्रवर्ती जब तुमको खुद पे इतना ही भरोसा है तो सीबीआई की जांच से डरना किस बात का पहले तो तुमने ही सुशांत के लिए सीबीआई की मांग की थी और आज इसी पर दलील दिलवा रही हो क्यों क्या तुम्हे डर है कि सीबीआई तुम्हारे पक्ष में नही रहेगी उससे तुम्हारी कोई सेटिंग नही हो पाएगी क्या इसलिए क्या इसलिए क्योंकि मुम्बई पुलिस 50 दिनों तक तुम पर शक भी नही कर पाई और सीबीआई ने आते ही तुम्हारे परिवार को नामजद कर दिया क्या इसलिए बताओ रिया चक्रवर्ती अगर तुम दोषी नही हो तो घबराना किस बात का अगर हो तो अब घबराने का भी क्या फायदा क्योंकि मामला सीबीआई के पास है और तुम परिवार सहित सीबीआइ की रडार पर हो अब बच सको तो बचो।
बिहार सरकार की सिफारिश और केंद्र सरकार की मुहर के बाद जब सुशांत मामले में सीबीआई को लाया गया और सीबीआई ने रिया के परिवार को मुख्य आरोपी बनाया तो रिया के सुर बदल गाऐ उसके वकील की तरफ से बयान आया कि बिहार पुलिस को सीबीआई जांच का कोई अधिकार ही नही है मामला मुम्बई पुलिस का है जिसमे उसका ही निर्णय मान्य होगा कमाल है रिया और उनके वकील का भी अरे भाई जब बिहार पुलिस को रिया के खिलाफ एफआईआर करने की आज़ादी है तो बिहार सरकार को सुशांत के परिवार की मांग पे सीबीआई जांच की सिफारिश करने का अधिकार क्यों नही जबकि इसकी स्वीकृति केंद्र सरकार ने दी है।