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Saturday, October 5, 2024

खण्ड विकास अधिकारी द्वारा हो रहा जमकर घोटाला एक ही दिन में 7 लाख 35 हजार रुपये मनरेगा कन्टीजेन्सी से हुए ट्रांसफर ।

सीतापुर-अनूप पाण्डेय/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर नही पूरा देश कोरौना जैसी महामारी से निपटने में सभी लगें हैं और मनरेगा मजदूर परेशान हैं वहीं सीतापुर जनपद के खण्ड विकास अधिकारी  अखिलेश चौबे लहरपुर  मनरेगा कन्टीजेन्सी में  घोटाला करने में लगे हैं उनको मनरेगा मजदूर की कोई भी चिंता नहीं है उनको केवल पैसों पर नजर है तैनात और उच्च अधिकारियों और शासनादेश को दर किनार करते हुये मनरेगा कन्टीजेन्सी से विजय कुमार इन्टरप्राइजेज कम्पनी बहराईच को सात लाख पैंतीस हजार दो सौ सोलह रूपयों का भुगतान वाल पेन्टिग के नाम पर चार बार में  एक ही दिनांक 18/3/2021 को 175581और उसी दिनांक 18/3/2021 को 186543और उसी दिनांक 18/3/2021 को 186543 और दिनांक 18/3/2021 को 186543 रूपया निकाला गया कुलसात लाख पैंतीस हजार  दो सौ सोलह रूपयाका भुगतान  एक ही दिनांक में चार बार में कर दिया जबकि मनरेगा गाडलाईन की शासनादेश में लिखा है कि एक लाख रूपयों के ऊपर भुगतान तभी किया जाये जब टेन्डर किया गया हो लेकिन विकास खण्ड पर तैनात खण्ड विकास अधिकारी लहरपुर ने सभी आदेशों को दर किनार करते हुये मनरेगा कन्टीजेन्सी से विजय कुमार इन्टरप्राइजेज कम्पनी बहराईच को भुगतान कर दिया गया है।

वह कार्य ग्राम पंचायत अधिकारी ने ग्राम पंचायत की राज्य वित्त और चौदहवीं वित्त से भी कराया है अब यह जांच पर ही सिद्ध होगा कि विजय कुमार इन्टरप्राइजेज कम्पनी बहराईच ने वालपेन्टिग कराया है या फिर ग्राम पंचायतों द्वारा कार्य कराया गया है और फर्जी भुगतान मनरेगा कन्टीजेन्सी से विजय कुमार इन्टरप्राइजेज कम्पनी बहराईच को भुगतान करके बन्दर बांट किया गया है विजय कुमार इन्टरप्राइजेज कम्पनी बहराईच को बर्तमान उपायुक्त श्रम मनरेगा अधिकारी सुशील कुमार श्रीवास्तव द्वारा जनपद सीतापुर में कार्य दिलाया है वह पूर्व में बहराईच जनपद में खण्ड विकास अधिकारी थे इसलिए वह सीतापुर में मनरेगा कन्टीजेन्सी और मनरेगा योजना में खेल करने के लिये बहराईच की फर्म को काम करने के लिये बुलाकर बन्दर बांट करने लगे है ।           

 अगर अस्थली जांच हुई तो दूध का दूध पानी का पानी आएगा निकल कर सामने।


   अगर विकास खंड लहरपुर में मनरेगा कन्टीजेन्सी से कराई गई वालपेन्टिग की अस्थलीय जांच प्रदेश की किसी जांच एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराई जाये और बगैर टेन्डर कराये  गया भुगतान का जांच में  स्पस्ट खुल कर सब सामने आ जायेगा  जो घोटाला  किया गया है वह सब सच सामने आ जायेगा।

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