प्रतिदिन की तरह शुक्रवार सुबह भी दल में शामिल छात्र-छात्राएं पुरानी गंगनहर में नौकायन के लिए बने ट्रैक पर पहुंचे। करीब साढ़े नौ बजे कैनोइंग-4 का टाइम ट्रायल था। एक बोट पर राजशिखा मलिक, काजल, बलजीत और लक्ष्मी बैठी थी।
प्रतिदिन की तरह शुक्रवार सुबह भी दल में शामिल छात्र-छात्राएं पुरानी गंगनहर में नौकायन के लिए बने ट्रैक पर पहुंचे। करीब साढ़े नौ बजे कैनोइंग-4 का टाइम ट्रायल था। एक बोट पर राजशिखा मलिक, काजल, बलजीत और लक्ष्मी बैठी थी।
चारों अपनी बोट को अन्य बोट से आगे ले जाने के लिए स्कल चला रही थी। उसी दौरान अचानक राजशिखा गंगनहर में गिर गई। इससे पहले उसकी साथी तीनों छात्राएं कुछ समझ पाती नाव अनियंत्रित होकर पलट गई और वह भी तीनों गंगनहर में गिर गई।
राजशिखा डूबने लगी तो दल में शामिल छात्र-छात्राओं में अफरातफरी मच गई। तुरंत बचाव दल मौके पर पहुंचा और चारों छात्राओं को बाहर निकाला।
इनमें से तीनों छात्राएं पूरी तरह होशहवास में थी जबकि राजशिखा बेसुध थी। प्राथमिक उपचार के बाद राजशिखा को तुरंत एक प्राइवेट अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
सूचना पर कोतवाली रुड़की पुलिस मौके पर पहुंची और शव कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल पहुंचाया। दल में शामिल छात्र-छात्राओं ने बताया कि राजशिखा चंडीगढ़ के 46 सेक्टर में सरकारी क्वार्टर में अपने मम्मी-पापा के साथ रहती थी।
मूलरूप से वह ग्राम हसनपुर, थाना अलेवा, जिला जींद, हरियाणा की रहने वाली थी। उसके पिता राजपाल आईबी अफसर हैं। बेटी की मौत की सूचना पर राजशिखा के मम्मी-पापा रुड़की पहुंच गए हैं।