कानपुर। देश के ख्याति प्राप्त हेयर एक्सपर्ट डाॅ. गौरांग कृष्ण का कहना है कि प्रदुषित पेयजल, खारे पानी और तनाव की वजह से हर उम्र के लोगों में बालांे की झरने और बाल संबंधी अन्य समस्यायें उत्पन्न हो रहीं हैं। इसलिये, जरुरी है कि बालों से जुड़ी समस्याओं का सामना न करने के लिये तनाव, खारे पानी और प्रदूषित पेयजल से बचा जाये।
बहुत ही कम समय में हेयर ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में ख्याति अर्जित करने वाले दिल्ली के हेयर एक्सपर्ट डाॅ. गौरांग ने बताया कि गंजेपन का काॅमन फैक्टर अनुवांशिक है। अगर जन्म से गंजापन है तो इसका ट्रीटमेंट उतना सक्सेस नहीं है। लेकिन अगर किसी कारणवश उम्र बढ़ने के बाद हेयर लाॅस हुआ है तो ट्रांसप्लांट और अन्य इलाजों से गायब हुये बाल फिर से आ सकते हैं।
देश-विदेश के नामचीन कई सेलेब्रेटीज का हेयर ट्रीटमेंट कर चुके डाॅ. गौरांग ने बताया कि पास्ट कोविड में भी हेयर लाॅस की समस्या में इजाफा हुआ है। कोरोना की पिछली लहर के बाद जिन मरीजों ने कोविड 19 बीमारी को मात दी है, उनके बाल कम हुय हैं। कोरोना के ऐसे मरीज रोजाना दिल्ली स्थित उनकी क्लीनिक ‘मेडलिंक्स’ में आ रहे हैं।
एक खास बात उन्होंने यह बताई कि बाॅडीबिल्डिंग करने वाले लोगों प्रोटीन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिये क्योकि ये प्रोटीन डेरी बेस्ड प्रोडक्ट होते हैं, जोकि बालो के लिये घातक है। उन्होंने कहा कि प्लांट बेस्ड प्रोटीन का इस्तेमाल किया जाना चाहिये। मांसाहारी में अंडा व मछली और शाकाहारी में दाल, सोयाबीन, छोला और राजमा का सेवन लाभदायक है।
फिल्म स्टार गुल्शन ग्रोवर, आशुतोष, क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, आरजे राहुल माकेन समेत अनेक नामी-गिरामी हस्तियों का हेयर ट्रंासप्लांट कर चुके डाॅ. गौरांग के अनुसार हेयर ट्रंासप्लांट और हेयर ट्रीटमंेट के लिये बड़ी संख्या में विदेशी भारत का रुख कर रहे हैं। अमेरिका में जहां ये इलाज 12 से 13 लाख में होता है। वहीं, भारत में यह इलाज दो से तीन लाख में हो जाता है। विदेशी मेंडिकल टूरिस्ट वीजा पर आकर घूमते भी हैं और इलाज भी करा लेते हैं।