लखनऊ : पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ी सपा लोकसभा चुनाव में गठबंधन के लिए अभी पूरी तरह तैयार नहीं है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को सपा मुख्यालय में कहा कि अभी गठबंधन की बात करना बेकार है। गठबंधन पर कोई भी र्फैसला चुनाव के वक्त ही होगा। अभी हमारा पूरा ध्यान जमीन पर संगठन को मजबूत करने पर है। अभी वोटर लिस्ट में नाम शामिल करवाने और बूथ को मजबूत करने पर फोकस रहेगा। गठबंधन के इंतजार में हम पार्टी को मजबूत करने की प्रक्रिया नहीं रोक सकते।
हम जल्दी दोस्त नहीं बदलते
भले अखिलेश यादव ने गठबंधन की बात टाल दी हो पर कांग्रेस से दोस्ती के सवाल पर कहा कि हम समाजवादी लोग दोस्त नहीं बदलते हैं। हमने राजनीति में बहुत धोखे खाए हैं और उनसे बहुत कुछ सीखा है। इसलिए दोस्ती बहुत समझदारी से करते हैं। उन्होंने कहा कि पहले हमने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे वोटर लिस्ट में नाम ठीक करवाएं, क्योंकि निकाय चुनाव में बहुत सारे लोग वोट ही नहीं डाल सके थे।
शौचालय भगवा होंगे तो अपमान किसका
बिल्डिंगों को भगवा करने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि बीजेपी रंग बदलने की राजनीति कर रही है। अब तो उन्होंने शौचालय के भी रंग बदल दिए हैं, लेकिन इससे किसका अपमान होगा? अब संत सीएम योगी से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह कहें कि भगवान भटक रहे हैं। इस सरकार ने तो धर्म का अपमान किया है, लेकिन रंग बदलने से खुशहाली नहीं आएगी। अगर जनता के लिए खुशहाली लाओगे तो जनता के चेहरे का रंग बदल जाएगा। रंग बदलने की राजनीति तो केवल ध्यान भटकाने के लिए है। पर अब जनता भी तैयार है। वह भी अपना रंग दिखाएगी।
भाजपा सबसे अधिक जातिवादी
अखिलेश ने कहा कि हम पर जातिवादी होने का आरोप लगता है, लेकिन भाजपा सबसे अधिक जातिवादी पार्टी है। उनके जातिवाद को सोशल इंजीनियरिंग, बूथ मैनेजमेंट और पन्ना प्रभारी लिखा जाता है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि अरे हम भी सोशल इंजीनियरिंग कर रहे हैं, इसे भी सोशल इंजीनियरिंग लिखना।
योगी जी को लड़का कहकर देखो
क्या यूपी के लड़कों का साथ छूट रहा है? इस सवाल पर अखिलेश ने कहा कि मुझे और राहुल को तो लड़का कह देते हो, कभी योगी जी को भी कहकर देखो। होली आ रही है, उसी वक्त कह लेना। गोरखपुर महोत्सव से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि हम कला के पक्षधर हैं, इसलिए किसी भी महोत्सव के खिलाफ नहीं। लेकिन, बात तो अब बराबरी की हो गई। हम आयोजनों पर आपत्ति नहीं करते। भाजपा सरकार को कोशिश करनी चाहिए कि सैफई से बड़ा महोत्सव गोरखपुर में हो।
दस लाख रुपये मुआवजा मिले
अखिलेश ने कहा कि बाराबंकी में जहरीली शराब से हुईं मौतों पर भाजपा सरकार को शीशा रखकर शक्ल देखनी चाहिए। यह भी जांच करनी चाहिए कि कहीं उनका ही कोई आदमी तो शराब नहीं पिला रहा था। इससे पहले एक जगह शराब से हुईं मौतों की जांच में सामने आया था कि शराब कारोबारी भाजपा का ही एक नेता है। उन्होंने मृतकों के परिवारीजनों को दस लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की।
दिन अच्छे नहीं तो डीजीपी नहीं आ रहे
अखिलेश ने कहा कि दिन अच्छे नहीं हैं तो डीजीपी आ नहीं रहे। उन्होंने सवाल किया कि दिन अच्छे नहीं हैं तो क्या उत्तर प्रदेश को ऐसे ही छोड़ देंगे? अखिलेश ने अपराध को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि महिलाओं और बेटियों के साथ घटनाएं बढ़ी हैं। 100 नंबर के आंकड़े देखें तो पता चल जाएगा कि उनका किस तरह उत्पीड़न हो रहा है। उन्होंने शामली में एक लड़की की हत्या को लेकर आरोप लगाया कि एक बड़े नेता घरवालों को धमका रहे हैं कि मामला वापस ले लो। इस मौके पर दूसरे दलों से पूर्व सांसद लालचंद्र कोल (मीरजापुर), पूर्व विधायक फरहत अब्बास (अंबेडकरनगर), पूर्व विधायक ताहिर हुसैन सिद्दीकी, पूर्व विधायक शंभू चौधरी, पूर्व विधायक नंद किशोर मिश्रा सपा में शामिल हुए।