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Friday, January 17, 2025

गड्ढों से भरे मार्ग पर गुजरने पे मजबूर होंगे 84 कोसीय परिक्रमा के श्रद्धालू ।

होगा कि सड़क में गड्ढे है या गड्ढों में सड़क। कुछ मार्ग तो ऐसे है जहां आज तक इंटर लॉकिंग तक नही लगी। कच्ची रोड से बरसात के दिनों में निकलना लोगो के लिए दुश्वार हो गया है। ऐसा हाल है जिले की मिश्रिख तहसील क्षेत्र का। जहां आज से कुछ दिन बाद ही विश्व प्रसिद्ध 84 कोसीय परिक्रमा शुरू होने वाली है। जिसमे लाखों की तादात में देश विदेश से श्रद्धालु आ कर शामिल होते है। प्रशासनिक अधिकारियों ने परिक्रमा मार्ग सहित अन्य तैयारियों का भी जायजा लिया लेकिन सड़कें आज तक दुरुस्त नही हुई है। खैराबाद से मछरेहटा, कल्ली चौराहा होते हुए नैमिषारण्य को जोड़ने वाला लगभग 20 किलोमीटर लम्बा मार्ग जो काफी समय से अत्यंत जर्जर अवस्था मे पड़ा हुआ है। क्षेत्रवासी इसी टूटे हुए मार्ग पर चलने को विवश है। कुछ ही समय बाद धार्मिक क्षेत्र नैमिषारण्य से 84 कोसी परिक्रमा शुरू होने वाली है। यह परिक्रमा मड़रूवा पड़ाव से होकर इसी रास्ते से गुजर कर जरिगवा पड़ाव के लिए पहुंचेगी। प्रशासन के गड्ढा मुक्त सड़क करने के लाख दावों के बाद भी यह परिक्रमा मार्ग गड्ढा मुक्त नहीं हो सका है। इस मार्ग पर रात के समय चलना मुश्किल हो जाता है। क्षेत्र वासी प्रेम शंकर पाण्डे, राकेश शुक्ल, राम नरेश आलोक कुमार, राजेश कुमार, सुरेश मिश्र,राज पाल राजवंसी अखिलेश त्रिपाठी आदि लोगों ने परिक्रमा मार्ग दुरूस्त कराये जाने की माँग की। इसी तरह गोंदलामऊ विकास क्षेत्र के ग्रामीण भी ऊबड़खाबड़ गढ्ढायुक्त मार्गों से होकर गुजरने को मजबूर है। कई बार शिकायत के बाद भी अभी तक इस गांव की मार्ग समस्या की ओर किसी भी अधिकारी ने ध्यान नही दिया। नतीजतन स्थानीय लोग नरकीय जीवन जीने को विवश है। कोरौना-नगवाजैराम संपर्क मार्ग से लछिमनपुर, सुर्जपुर व मिर्जापुर गांव को जाने वाला यह मार्ग कच्चा व बेहद दुरूह बन चुका है। जिस कारण ग्रामीण बेहद परेशान हैं। बरसात के दिनों में तो इस सड़क से निकलना मुश्किल हो जाता है। स्थानीय निवासी राजाराम ने बताया कि विभागीय अधिकारियों की उपेक्षा के चलते हम लोगों को रोजाना मार्ग समस्याओं से जूझना पड़ता है। रमेश के अनुसार लछिमनपुर गांव जानें वाले मार्ग में दो-तीन फुट गहरे गड्ढे बन चुके हैं। जिससे इस मार्ग से साईकिल तक निकालना मुश्किल बन गया है। इसी गांव के रामू बताते हैं कि सबसे ज्यादा समस्या का सामना स्कूल जाने वाले छात्र छात्राओं को करना पड़ता है। जो आए दिन गड्ढों की वजह से गिरकर चोटिल होते हैं। संतोष कुमार का कहना है कि नेता सिर्फ चुनाव के समय ही गांव में आते है। इसके अलावा कोई भी इस गांव की ओर मुड़कर नहीं देखता। वहीं ग्राम पंचायत के कोटेदार अशोक की मानें तो राशन के उठान के दौरान राशन से भरी ट्रैक्टर ट्राली गांव तक कड़ी मशक्कत के बाद ही पहुंच पाती है। जिसको लेकर कई बार शिकायत भी की जा चुकी है। लेकिन आज तक इस मार्ग की ओर किसी ने भी ध्यान नही दिया। अब देखना यह है कि गोंदलामऊ और मिश्रिख के इन सभी गांव वासियों को कब तक इस समस्या से जूझना पड़ेगा। या प्रशासन द्वारा इस समस्या पर ध्यान देकर लोगों को इससे निजात दिलाई जाएगी।

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