रायपुर। गांवों के बाद कांग्रेस शहर की जनता को साधने में जुटेगी। पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया भी मान रहे हैं कि शहरों में ज्यादा मेहनत करने की जरुरत है। इसके लिए हर शहर में बूथ और वार्ड स्तर पर कमेटियां बनाकर चुनावी रणनीति के तहत काम किया जाएगा। बूथ कमेटियों में एक सियान(वृद्ध), एक जवान और एक महिला होगी, वहीं वार्ड कमेटी में पार्षद, पूर्व पार्षद और पार्षद प्रत्याशियों को शामिल किया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में बूथ मैनेजमेंट के अलावा कांग्रेस के बड़े नेता जनाधिकार पदयात्रा करके जिस तरह से अतिरिक्त जोर लगा रहे हैं, उसी तरह अब प्रदेश के सभी 168 नगरीय निकायों में भी पदयात्रा और सभा या ऐसा ही कुछ करने का विचार किया जा रहा है।
इससे पहले हर नगरीय निकाय में बूथ और वार्ड स्तरीय कमेटी बनाई जाएगी। बूथ मैनेजमेंट के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने फॉर्मूला तय कर दिया है। वार्ड कमेटी में ऐसे लोगों को रखा जाएगा, जिन्हें वार्ड और नगरीय निकायों की व्यवस्था की जानकारी है।
कांग्रेस का पार्षद है, वह तो वार्ड कमेटी में रहेगा ही। जहां दूसरी पार्टी का पार्षद है, उस वार्ड में पिछले नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे व्यक्ति को रखा जाएगा। पूर्व पार्षदों के अनुभव का भी लाभ लेने की कोशिश रहेगी। वार्ड कमेटियां अपने-अपने वार्ड से चुनावी मुद्दे निकालेंगी।
शहर में कमजोर है स्थिति
कांग्रेस ने 17 से 22 जनवरी तक रायगढ़ जिले के घरघोड़ा से नंदेली गांव तक जनाधिकार पदयात्रा की। ग्रामीण क्षेत्रों में न केवल पदयात्रा, बल्कि सभाओं में भी भीड़ देखने को मिली। जब पदयात्रा रायगढ़ पहुंची तो यहां गांवों की तुलना में भीड़ कम नजर आई। इस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने नाराजगी भी जताई।
इनका कहना है
गुजरात में चूक हुई, तीन शहरों में पिछड़ने के कारण कांग्रेस की हार हुई। वर्ना, कांग्रेस की ही सरकार बनती। ऐसी चूक छत्तीसगढ़ में बिल्कुल नहीं होगी। शहरों के हर वार्ड और बूथ को मजबूत किया जाएगा। बूथ और वार्डस्तर पर कमेटियां बनाई जाएंगी, जिनका काम हर घर के मतदाता को पार्टी से जोड़ना होगा। इसके अलावा मतदाता को केंद्र तक ले जाने की जिम्मेदारी भी उनकी होगी।