लखनऊ : गुजरात चुनाव में अकेले ही सभी सीटों पर चुनाव लड़कर बीएसपी ने कोई खास उपलब्धि हासिल नहीं की लेकिन कई सीटों पर कांग्रेस को नुकसान जरूर पहुंचाया। कई सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस बहुत मामूली अंतर से हारी है। कांग्रेस की हार के इस अंतर से ज्यादा बीएसपी प्रत्याशी ने वोट हासिल किए। इसके अलावा कई अन्य छोटी पार्टियों और निर्दलीयों ने भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया।
गठबंधन पर नहीं बनी थी बात
यूपी में महागठबंधन में बीएसपी के शामिल न होने के बाद यह चर्चा तेज थी कि गुजरात में बीएसपी कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ सकती है। लेकिन बीएसपी वहां जितनी सीटें चाहती थी, उतनी कांग्रेस देने को तैयार नहीं थी। यही वजह है कि गुजरात में भी बीएसपी प्रमुख मायावती ने सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर दिया। कांग्रेस ने वहां तीन युवाओं जिग्नेश मेवाणी, हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर को साथ लेकर चुनाव लड़ा। हालांकि गुजरात में अकेले चुनाव लड़कर ज्यादातर सीटों पर बीएसपी की जमानत जब्त हो गई है लेकिन कई सीटों पर कांग्रेस की हार का कारण जरूर बन गई।
16 सीटें 200 वोट के कम अंतर से हारी कांग्रेस
कांग्रेस गुजरात विधान सभा चुनाव में 16 सीटों पर 200 वोटों से भी कम अंतर पर हारी है। गोधरा सहित आठ सीटें ऐसी हैं जहां 2,000 से भी कम वोटों के अंतर से हारी है। कांग्रेस की हार का जो अंतर रहा है, उससे ज्यादा बीएसपी, एनसीपी, आप या निर्दलियों ने वोट हासिल किए हैं। धोलका सीट पर कांग्रेस महज 327 वोटों से हारी है। यहां बीएसपी ने 3,139 और एनसीपी ने 1195 वोट हासिल किए हैं। बेहाट सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी को 906 वोट से हार मिली और बीएसपी प्रत्याशी को 966 वोट मिले हैं। यहां निर्दलीयों ने भी 7500 वोट हासिल किए हैं।
नोटा ने भी बिगाड़ा कांग्रेस का खेल
हिम्मत नगर, पोरबंदर, वीजापुर, देवधर, डांग, मानसा और गोधरा सीटों पर भी रोचक मुकाबला हुआ और यहां निर्दलीयों ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों के वोट काटे। गोधरा सीट पर बीजेपी ने 258 वोटों से जीत हासिल की। यहां नोटा वोटों की संख्या 3050 थी और एक निर्दलीय को 18,000 से जयादा वोट मिले। गुजरात विधान सभा चुनाव में 5,51,615 वोटरों ने नोटा का बटन दबाया।