New Delhi : गुजरात चुनाव में गठबंधन, सहयोग और जोड़-तोड़ के घटनाक्रमों के बीच अब बहस टिकट बंटवारे तक पहुंच गई है।
शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीवारों की पहली लिस्ट जैसे ही जारी की, उसके बाद पार्टी के भीतर से बगावत के सुर उठने लगे। कई नेता टिकट न मिलने से बेहद खफा हो गए।
इन नेताओं की नाराजगी का आलम ये रहा कि उन्होंने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघानी को तत्काल प्रभाव से अपने इस्तीफे तक सौंप दिए। जिसके बाद नाराज पार्टी नेताओं को मनाने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को मोर्चा संभालना पड़ा।
अमित शाह शुक्रवार देर रात तक गुजरात बीजेपी के दफ्तर में मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि इस दौरान वह डैमेज कंट्रोल की हर मुमिकन कोशिश करते रहे। हालांकि, उनकी कोशिश क्या रंग लाती है, ये अभी देखना होगा।
बता दें कि पहली सूची आने के बाद शाम तक ही पार्टी में इस्तीफे का सिलसिला शुरू हो गया था। इनमें अंकलेश्वर विधानसभा सीट पर लेकर भाई ने ही अपने भाई के टिकट का विरोध किया।
टिकट का ऐलान होने के बाद भरुच जिला पंचायत के सदस्य वल्लभ पटेल ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वाले वल्लभ पटेल, ईश्वर पटेल के सगे भाई हैं। अंकलेश्वर सीट से वल्लभ पटेल ने भी टिकट की मांग की थी।
दशरथ पुवार ने जिला बीजेपी महामंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। वडोदरा में भी दिनेश पटेल को टिकट दिए जाने से बीजेपी में बगावती सुर खड़े होने लगे है। पादरी जिला पंचायत और तहसील पंचायत के नेता कमलेश पटेल ने इस्तीफ़ा दिया है। वहीं वडोदरा जिला महामंत्री चैतन्य सिंह झाला ने भी पार्टी को इस्तीफा दे दिया है।