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Wednesday, May 14, 2025

गैर संचारी रोगों की पहचान व बचाव के लिए ए एन एम को दिया गया प्रशिक्षण…… .

गैर-संचारी रोगों की पहचान व बचाव हेतु एनम को किया गया प्रशिक्षित

बहराइच : (अब्दुल अजीज)NOI:- समुदाय स्तर पर लोगों में गैर-संचारी रोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया | जिला चिकित्सालय के अचल प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित प्रथम बैच मे आई 35 एनम को गैर-संचारी रोगों के लक्षण, कारण, बचाव व निवारण के साथ-साथ सी-बैक फॉर्म ( समुदाय आधारित मूल्यांकन प्रपत्र ) भरने के बारे में बताया गया |
प्रशिक्षक चंदरेश्वर पाठक ने बताया कि हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर द्वारा प्रदान की जाने वाली प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में मुख्य केंद्र क्षेत्र के सभी 30 वर्ष से ऊपर के स्त्री एवं पुरुषों की आशाओं द्वारा गैर-संचारी रोगों के लिए स्क्रीनिंग की जाएगी | इसके लिए आशाओं द्वारा अपने क्षेत्र में सभी घरों में जाकर 30 वर्ष से ऊपर के स्त्री एवं पुरुषों का सी-बैक फॉर्म भरा जाएगा तथा इन लोगों को क्रमवार सेन्टर पर प्रारंभिक जाँच हेतु लाया जायेगा | जहाँ एनम द्वारा प्रारंभिक जांच की जाएगी | जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ वी पी वर्मा ने बताया कि हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर आए लोगों की मुख्यतः ब्रेष्ट कैंसर, मुंह का कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, उच्च रक्तचाप और शुगर की जांच की जाएगी | यदि किसी व्यक्ति में कोई गंभीर लक्षण पाया जाता है तथा जिसका इलाज प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र पर उपलब्ध नहीं है तो उसे जिला अस्पताल संदर्भित किया जायेगा |
मो0 राशिद, जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) ने बताया कि जिले मे स्थापित 81 स्वास्थ्य केन्द्रों को हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर के रूप में स्थापित किया गया है | उन्होने बताया कि इन हेल्थ सेन्टरों (आरोग्य-केंद्र) की सभी 81 एनम को दो बैचों मे गैर-संचारी रोगों पर प्रशिक्षण दिया जाना है |
हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर से आई सभी एनम को प्रशिक्षण जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ वी पी वर्मा, चंद्रेश्वर पाठक, कामनी शुक्ल व रूमा कुमारी सोनकर के द्वारा दिया गया | प्रशिक्षकों ने बताया कि समुदाय में लोगों के खान-पान व रहन-सहन की अव्यवस्था से अधिकांशतः गैर-संचारी रोगों का प्रसार हो जाता है, जिसके लिए एन0सी0डी0 कार्यक्रम चलाया जा रहा है |ये बात अलग है कि शासन स्तर पर इस तरह की तमाम स्वास्थ्य सम्बन्धी योजनायें चलाई जा रही हैं लेकिन वास्तविकता ये है कि सब सब योजनायें मात्र कागजों पर ही संचालित हो रही है इनका धरातल पर कोई असर नही है और रही बात इन ए एन एम के कामों की तो शहरी क्षत्रों में तो इनका कोई वजूद नही है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इनके पति लोग बाकायदा तरीके से दलाली का धंधा चला रहे हैं जिनकी अस्पताल के भरष्ट डॉक्टरों और स्टाफ की सांठगांठ से फल फूल रहे हैं और वास्तविक ए एन एम घरों में बैठ कर मानदेय आहरित करती रहती है जिन्हें स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों को देखने की फुर्सत नही होती है।

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