सीतापुर-अनूप पाण्डेय /NOI –उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,गोंदलामऊ के अधीक्षक डा०धीरज मिश्रा द्वारा लोगों को कोविड का टीका लगवाने के लिए जागरुकता संदेश दिया गया तथा इस दौरान उनसे टीकाकरण से सम्बंधित कुछ भ्रांतियों के बारे में सवाल भी पूछे गए.।
डा०धीरज मिश्रा ने कहा,” वैक्सीनेशन के प्रति कोई भ्रम अथवा असमंजस की स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है. कोरोना का टीका पूरी तरह सुरक्षित और कारगर है यह संदेश लोगों के बीच अधिक से अधिक प्रेषित करें. हम सभी के जीवन की सुरक्षा कवच के रूप में वैक्सीन अहम होगी.”
कोरोना के कहर से कराहते देश में वैक्सीन ही बचाव की सबसे बड़ी उम्मीद है. हर रोज़ देश में लाखों लोगों को यह वैक्सीन लगाई जा रही है और अब तक कई करोड़ लोग टीकाकरण करवा चुके हैं. इनमें करीब 80 फीसदी लोग अब तक पहला टीका लगवाने के बाद दूसरा इंजेक्शन लगवाने का इंतज़ार कर रहे हैं. अगर आपने भी इस वैक्सीन का पहला इंजेक्शन लगवा लिया है या अगले कुछ दिनों में लगवाने जा रहे हैं तो आपके लिए इन सवालों के जवाब जानना बेहद जरूरी है. यह जानकारी इसलिए और भी अहम है, क्योंकि 1 मई से देश में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों के लिए वैक्सीन लगवाने का विकल्प खुलने जा रहा है.
क्या वैक्सीन का पहला टीका आपको कोविड-19 वायरस से बचा लेगा ?
इस सवाल का सीधा जवाब है, नहीं. वैक्सीन का पहला टीका लगने के साथ ही आप कोविड-19 वायरस के इंफेक्शन से सुरक्षित नहीं हो जाएंगे. वैक्सीन का पूरा प्रभाव दोनों इंजेक्शन लगने के बाद ही सामने आता है. वह भी दूसरा टीका लगने के फौरन बाद नहीं, बल्कि उसके करीब दो हफ्ते बाद.
वैक्सीन का दूसरा टीका कितने दिनों बाद लगवाना होता है ?
शुरुआती दौर में वैक्सीन का दूसरा इंजेक्शन, पहले टीके के 28 दिन यानी 4 हफ्ते बाद लगाया जा रहा था, लेकिन अब कोविशील्ड की वैक्सीन का दूसरा डोज़ 6 से 8 हफ्ते यानी करीब डेढ़ से दो महीने बाद दिया रहा है. कोविशील्ड के दो टीकों के बीच अंतर बढ़ाने का फैसला यह जानकारी सामने आने के बाद किया गया कि गैप ज्यादा रखने पर टीकों का असर बढ़ जाता है. हालांकि कोवैक्सीन का दूसरा डोज़ अब भी 4 से 6 हफ्ते बीच ही दिया जा रहा है. देश में अब तक लगाए गए 90 फीसदी कोरोना के टीके कोविशील्ड के ही हैं.
क्या पहला और दूसरा इंजेक्शन एक ही कंपनी का लगना जरूरी है ?
जी हां, यह बेहद जरूरी है कि आपको वैक्सीन के दोनों डोज़ एक ही कंपनी के लगाए जाएं. भारत में अभी तक कोविड-19 के दो ही टीके लगाए जा रहे हैं – 1. कोविशील्ड और 2. कोवैक्सीन. अगर आपको आपको पहला टीका कोविशील्ड का लगा है तो दूसरा भी वही लगना चाहिए. अगर पहला इंजेक्शन कोवैक्सीन का था, तो दूसरा भी कोवैक्सीन का ही होना चाहिए. वैसे तो यह जानकारी टीकाकरण करने वाले हेल्थ प्रोफेशनल्स को रहती है, फिर भी आप अपनी तरफ से भी इसकी पुष्टि यानी तस्दीक कर लें तो अच्छा रहेगा.
क्या दोनों इंजेक्शन लगने के बाद आप वायरस से पूरी तरह सुरक्षित हो जाएंगे ?
वैक्सीन के दोनों टीके लगने के दो हफ्ते बाद उनका पूरा प्रभाव काम करने लगता है. फिर भी, पक्के तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि अब कोविड-19 वायरस आपको संक्रमित नहीं कर पाएगा. दरअसल, भारत में लगाई जा रही वैक्सीन की प्रभावकारिता अधिकतम 80 फीसदी तक ही है. यानी 100 में से 20 लोगों के लिए वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना संक्रमित होने का खतरा बना रहेगा.
अगर वैक्सीन इंफेक्शन से पूरी सुरक्षा नहीं देती तो इसे लगवाने का क्या लाभ ?
आपके मन में यह सवाल आ सकता है कि जब वैक्सीन लगवाने के बाद भी संक्रमित होने का खतरा पूरी तरह खत्म नहीं होता, तो इसे क्यों लगवाया जाए? इस सवाल का एक जवाब तो यह है कि अगर वैक्सीन से 80 फीसदी सुरक्षा मिलती है, तो भी यह फिलहाल आपके सामने महामारी से बचने का सबसे बेहतर उपाय है. टीका लगवाने के पक्ष में दूसरा अहम कारण यह है कि वैक्सीन लगवाने के बाद अगर कोविड-19 संक्रमण हो भी जाए, तो भी बीमारी के लक्षण ज्यादा गंभीर नहीं होते. ऐसे मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं.
क्या वैक्सीन लगवाने के बाद भी मास्क पहनना जरूरी है ?
जी हां. अब तक का अनुभव यही बताता है कि वैक्सीन लगवाने के बाद भी मास्क पहनने, बार-बार हाथ धोने या दूसरों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने जैसे नियमों का पालन जारी रखना चाहिए. जैसा कि आप अब तक जान चुके हैं कि कोरोना वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी यानी प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने के लिए वैक्सीन के दोनों इंजेक्शन लगने के बाद दो हफ्ते तक इंतजार करना पड़ता है. उसके बाद भी अब तक भारत में लगाए जा रहे टीके संक्रमण से अधिकतम 80 फीसदी तक ही बचाव करते हैं.
देश में कोरोना की दूसरी लहर में तो यह बात पूरी तरह साफ हो चुकी है कि बहुत से लोगों को दोनों टीके लगने के बाद भी कोरोना इंफेक्शन हो रहा है. यह भी संभव है कि टीकाकरण से बढ़ी इम्यूनिटी के कारण आप बीमार भले ही पड़ें, लेकिन कोरोना वायरस आपके जरिए दूसरों को संक्रमित कर सकता है. इसलिए सावधानी या एहतियात के तौर पर अपने और दूसरों के बचाव के लिए सभी नियमों का पालन जारी रखना चाहिए.
वैक्सीन लगवाने के बाद परेशानी क्या आम बात है ?
वैक्सीन का इंजेक्शन लगने के बाद थोड़ी-बहुत परेशानी होना आम बात है. टीका लगने वाली जगह पर दर्द, सूजन या लाली आना, हल्का बुखार, सर दर्द, मामूली कमज़ोरी या जोड़ों में थोड़ा बहुत दर्द होना टीके का सामान्य साइड इफेक्ट है, जो कुछ दिनों में ठीक हो जाएंगे.
टीका लगने के बाद तकलीफ होने पर क्या करें, क्या न करें ?
जहां इंजेक्शन लगा है, वहां दर्द होने पर बर्फ न लगाएं. हां, साफ पानी में भिगोकर उसे दर्द वाली जगह पर रख सकते हैं. बुखार या दर्द के लिए डॉक्टर आपको पैरासिटामॉल लेने की सलाह भी दे सकते हैं. इस दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पीते रहें. अगर टीका लगवाने के बाद नजर आने वाले साइड-इफेक्ट ज्यादा गंभीर हैं या एक हफ्ते बाद भी ठीक नहीं हो रहे, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
पहले टीके के बाद दूसरा नहीं लगवाया तो क्या होगा ?
जैसा कि हम आपको बता चुके हैं, आपके शरीर में कोविड-19 वायरस से लड़ने की पूरी क्षमता यानी इम्यूनिटी दूसरा टीका लगने के दो हफ्ते बाद ही विकसित होती है. ऐसे में अगर आप दूसरा टीका नहीं लगवाएंगे तो वैक्सीनेशन का मकसद अधूरा ही रह जाएगा. आपको महामारी के खिलाफ सुरक्षा नहीं मिल पाएगी. इसलिए सही वक्त पर दूसरा टीका ज़रूर लगवा लें. हां, अगर पहली बार टीका लगवाने के बाद हुए किसी गंभीर साइड-इफेक्ट के कारण या किसी और मेडिकल कंडीशन की वजह से डॉक्टर आपको दूसरा इंजेक्शन नहीं लगवाने या देर से लगवाने की सलाह देते हैं, तो बात अलग है.