सीतापुर-अनूप पाण्डेय/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर संक्रामक रोग से मरने वालों की संख्या हुई 43. 1 महीने में 43 लोगों की मौतों का जिम्मेदार कौन ? क्षेत्र में हर 24 घण्टे में एक की मौत का सिलशिला जारी है. क्षेत्र में हाहाकार मचा हुवा है । वही नटवल ग्रन्ट में10 लोगो की मौत से ग्रामीण पलायन करने पे मजबूर हो गए थे ग्रामीणों का कहना था की किसी दूसरी जगह रहे गे तो जान तो बचेगी किसी तरह ग्रामीण रुक तो गए है ।
स्वास्थ्य महकमा अपनी नाकामी छुपाने के लिए एक दूसरे के आरोप मड़ते नजर आ रहे हैं सूत्रों की मानें तो जो ब्लड सैंपल 25 दिन पहले लिए गए थे वह अभी तक नहीं दिए गए और उनसे सैंपल में मलेरिया के लक्षण मिले थे मगर स्वास्थ्य विभाग ब्लड रिपोर्ट क्यों नहीं दिया।
सबसे बड़ा सवाल ये उठता है 43 लोगों की जाने चली जाती है और स्वास्थ्य विभाग ब्लड रिपोर्ट ही नहीं दे पाती इस विषय में मीडिया ने पड़ताल किया तो मामला चौका देने वाला सामने आया पहले ही ब्लड सैंपल में मलेरिया निकली थी मगर वह रिपोर्ट पब्लिक तक नहीं पहुंचाई गई और पैरासिटामॉल टेबलेट देते रहे डॉक्टर जिससे मरीजों को कोई फायदा नही हुवा और उनकी जानें जाती रही । डिस्टिक मलेरिया ऑफीसर स्वत्रंत मिश्रा का कहना है कि मैंने ब्लड रिपोर्ट सीएमओ को दे दी मगर वह जनता तक नहीं पहुंचाई गई कहीं न कहीं स्वास्थ्य विभाग अपनी नाकामी छुपाने के लिए ऐसा किया है मगर जिन लोगों की जान चली गई है उनका जिम्मेदार कौन होगा कौन उनके परिवार का पालन-पोषण करेगा कौन को दो वक्त की रोटी देगा क्षेत्र के ग्रामीणों के दिमाग में यह बात घर कर गई है कितने लोगों की मौत हो गई मगर स्वास्थ्य विभाग अपना ठीकरा एक दूजे पर फोड़ने पर लगे हुए हैं सच्चाई पर कोई भी ध्यान नहीं देता है
वही मुख्य चिकत्सा अधिकारी का कहना है की अब हालात पे काबू पा लिया गया है कई टीमें लगा दी गई है