नई दिल्ली: सीएम योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में कोई स्लाटर हाउस नहीं होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर उससे जवाब मांगा है. कोर्ट ने गोरखपुर के म्यूनिसिपल कमिश्नर को सात जुलाई को व्यक्तिगत तौर पर कोर्ट में तलब किया है.
अदालत ने यूपी सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए तीन दिन का वक्त दिया है. अदालत ने एक मामले में टिप्पणी करते हुए कहा है कि जब सबको अपनी पसंद का भोजन करने का अधिकार है तो सरकार नियमों का पालन करने वाले स्लाटर हाउस क्यों नहीं खोल पा रही है? अदालत ने कोर्ट में तलब किये गए नगर आयुक्त से यही बताने को कहा है कि गोरखपुर में माडर्न स्लाटर हाउस खोले जाने में क्या दिक्कतें हैं और इन्हे किस तरह दूर कर लोगों को मांस मुहैया कराया जा सकता हैय़
चीफ जस्टिस डीबी भोंसले और जस्टिस एमके गुप्ता की डिवीजन बेंच ने यह आदेश गोरखपुर के दिलशाद अहमद व एक सौ बीस अन्य लोगों द्वारा दाखिल की गई अर्जियों पर सुनवाई के बाद दिया है.
अदालत ने एक ही मांग होने की वजह से इन सभी अर्जियों पर साथ ही सुनवाई की. अदालत का मानना था कि अवैध स्लॉटर हाउस को बंद कराया जाना तो ठीक है, लेकिन मॉडर्न स्लॉटर हाउस खोलकर लोगों को लाइसेंस दिए जाने की प्रक्रिया शुरू न किया जाना गलत है. यह लोगों के पसंद के भोजन करने के अधिकार में रुकावट की तरह है. अदालत इस मामले में सात जुलाई को फिर से सुनवाई करेगी.