सीतापुर-अनूप पाण्डेय,सनोज मिश्रा,NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर के सिधौली । क्षेत्र के गोधना स्थित छोटी लाइन से बड़ी लाइन के परिवर्तन के दौरान बन्द की गई रेलवे क्रासिंग खुलवाने के लिए रविवार को हजारो की संख्या में ग्रामीण गोधना गांव में इकट्ठा हुए और लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करते हुए प्रदर्शन किया क्रासिंग ग्रामीणों ने आने वाले लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी है। हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए ग्रामीणों की चेतावनी से हिले रेलवे व स्थानीय प्रसाशन ने ग्रामीणों से वार्ता की और रेल लाइन के किनारे किनारे सड़क बनवाये जाने का आश्वासन दिया इस मीटिंग में जिले के प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी भी मौजूद रहे। रेलवे विभाग द्वारा लखनऊ सीतापुर रेलखंड को छोटी लाइन से बड़ी लाइन में परिवर्तन के दौरान रेलवे ने सीतापुर से लेकर लखनऊ तक कई रेलवे क्रासिंग व मानव रहित क्रासिंग बन्दकर जिसमे मानव हाल्ट स्टेशन के निकट स्थित गोधना गांव के पास एक रेलवे क्रासिंग भी बंद हो गयी थी जिससे गोधना सहित लगभग 35 गांवो के लोग प्रभावित हुए थे और हजारो लोगो के आने जाने के लिए लगभग दो किलोमीटर लम्बा रास्ता तय करके निकलना पड़ता था जिससे रात्रि में निकलने वाकई यात्रियों के लूट इत्यादि होने का खतरा बना रहता था रेलवे क्रासिंग बन्द होने के दौरान भी ग्रामीणों ने रेलवे के कई उच्च अधिका रियों से मिल कर समस्या से अवगत करवाया था लेकिन रेल अधिकारियों ने ग्रामीणो की।मांग को तबज्जो नही दी ब्राड गेज बन कर तैयार हो गयी और नौ जनवरी को रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के उद्घाटन के उपरांत ट्रेनों का संचालन भी शरू हो गया लेकिन गोधना 35 गांव के लोगो की समस्याएं जस की।तस बनी रही रवि वार को पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अंतर्गत पूरे क्षेत्र से हजारो की संख्या में ग्रामीण एकत्र हुए और रेलवे क्रासिंग खोलने अथवा गेट संख्या 42 सी से लेकर 43 सी तक रेल लाइन के किनारे सड़क मार्ग बनाने की मांग की । ग्रामीणों के उग्र तेवर देखते हुए उपजिकाधिकारी ए आर फारूकी सीओ उदय प्रताप सिंह व रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुचे और सड़क बनवाने का आश्वासन दिया तब जाकर ग्रामीण शांत हुए एसडीएम एआर फारूकी का कहना है कि ग्राम गोधना के सामने एक रेलवे क्रॉसिंग थे जो रेलवे में सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दी थी। जिससे कोई दुर्घटना ना हो। इसको लेकर क्योंकि ग्रामवासी वहां से लगातार आवागमन करते थे। आने जाने में थोड़ी दिक्कत महसूस हुई तो उनके द्वारा विरोध किया गया। हम लोग मौके पर गए थे उनको समझाया और उनसे बातचीत की उन लोगों से कहा गया है कि मनवा तिराहे तक रेलवे ट्रैक के किनारे किनारे उनको निकलने के लिए रास्ता दिया जाएगा। जिससे वह फिर कभी आगे चुनाव बहिष्कार ना करें।