सीतापुर-अनूप पाण्डेय.राहुल मिश्रा/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर के ब्लाक में बैठने वाला कम्प्यूटर आपरेटर जीशान नामक ब्यक्ति सुबिधा शुल्क लेकर कर रहा घोटाला ।
मिश्रित सीतापुर / एक तरफ सरकारे गरीब तबके के आवासहीन लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए जहां कटिबद्ध हैं वही ब्लॉक के कंप्यूटर ऑपरेटर सूची में लाभार्थियों का नाम और आईडी के साथ ही जाति कोड बदल कर अपात्रों को पात्र बनाते हुए शासकीय योजना को जमकर चूना लगा रहे हैं ब्लॉक में होने वाले इस हेरफेर की विधा से खंड विकास अधिकारी व एडीओ पंचायत भी अनजान नहीं है बल्कि योजना के नाम पर चल रहे इस खेल की बहती गंगा में स्वयं गोता लगा रहे हैं । प्राप्त जानकारी के अनुसार इकहत्तर ग्राम पंचायतों वाले मिश्रित ब्लॉक में प्रधानमंत्री आवास योजना में कंप्यूटर ऑपरेटर के माध्यम से जमकर हेरफेर कराया जा रहा है सूची में दर्ज लोगों के नाम गायब कर के भेट पूजा चढ़ाने वाले लोगों के नाम जोड़कर उनको लाभ पहुंचाया जा रहा है ओबीसी बीसी और एससी जाति की कैटेगरिया भी योजना का लाभ देने के लिए मनमाने तरीके से बदली जा रही है इतना ही नहीं नाबालिक को बालिग बनाने का खेल भी खेला जा रहा है के साथ ही परिवार तो आज भी संयुक्त रूप से रहता तो एक में है एक ही रसोई में खाना तक बनता है लेकिन माता पिता पुत्र बहू और पौत्र का परिवार अलग दिखाते हुए इस ब्लॉक की विभिन्न ग्राम पंचायतों में आवासीय योजना की जारी गाइडलाइन को धता बताकर जिम्मेदारों व्दारा रेवड़ी की तरह अपात्रों को आवास बांटे जा रहे हैं।
पहले से सूची में दर्ज लोगों के नाम अचानक गायब होने और नए और अपात्र लोगों के नाम जुड़ने की बात पूछने पर ब्लॉक के जिम्मेदार रटा रटाया ही जवाब देते हैं कि हम लोगों के हाथ में कुछ भी नहीं है यह सब ऑटो कट के द्वारा हुआ होगा लेकिन जब उनसे यह पूछा जाता है कि ऑटो कट किस बला का नाम है तो वह कोई सटीक जवाब न देकर घुमा फिरा कर बात करने लगते हैं इसी तरह का ताजा मामला ग्राम पंचायत बेलहैया का प्रकाश में आया है जहां के निवासी वारिस पुत्र खुरसेद का नाम पुरानी आवासीय सूची के क्रमांक 105 पर आईडी संख्या 14 3890794 पर दर्ज था इस व्यक्ति के द्वारा मुंह मांगी घूस न दिए जाने के कारण आवासीय लाभ से वंचित कर दिया गया जबकि इसके पास रहने के लिए आवास तक नहीं है पीड़ित ने मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शामिल पोर्टल पर शिकायत संख्या 40015420055546 दर्ज कराकर बीते 10 दिसंबर 2020 को गुहार लगाई थी जिस के निस्तारण में जांच अधिकारी ब्लॉक के सहायक विकास अधिकारी ओमप्रकाश ने 26/12 /2020 को अपनी आंख्या में लिखा कि क्रमानुसार फरियादी को आवास का लाभ दिया जाएगा मजेदार बात तो यह है कि उक्त अधिकारी द्वारा उपरोक्त शिकायत पर 20/01/0 21 को पुनः दूसरी बार भी बगैर किसी शिकायत के उपरोक्त ही जांच आख्या लगा दी गई। और पीड़ित आज भी आवास के लिए दर-दर भटक रहा है मामले में सहायक विकास अधिकारी कृषि से जब एक मामले पर दो बार आख्या लगाने और पीड़ित को अभी तक आवाज न मिलने के बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैंने कोई आख्या नहीं लगाई है आप संबंधित सेक्रेटरी अमित साहू और वीडियो से बात कर ले मेरी को चलती नहीं है मेरे नाम से इन्हीं लोगों ने संदर्भ में निस्तारण आख्या फीड करा दी है इसी तरह ग्राम पंचायत एवं ग्राम नरसिघौली निवासी सुधाकर पुत्र सालिकराम आवास सूची के क्रमांक एक सौ अस्सी पर दर्ज है लेकिन हकीकत में ग्रामीणों के अनुसार यह नाबालिक है मजेदार बात तो यह भी बताई जाती है कि भोजवाल बिरादरी के इस व्यक्ति को पिछड़े वर्ग के बजाय अनुसूचित जाति वर्ग में दर्ज करके लाभ दिलाने का काम किया जा रहा है इसी तरह से इसी ग्राम निवासिनी रामकली पत्नी संतोष पिछड़ी जाति की हैं लेकिन इनको भी सूची क्रमांक 130 पर अनुसूचित जाति में दर्ज कराकर आवासीय लाभ देने की जिम्मेदारों द्वारा अहम भूमिका निभाई जा रही है गौरतलब है ब्लॉक में होने वाले इस सब हेरफेर के पीछे कंप्यूटर ऑपरेटर जीशान व मुख्य लिपिक कमलेश कुमार के इशारे पर किया जा रहा है इसकाले कारनामे से ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी रामकुमार उपाध्याय व प्रभारी एडीओ पंचायत/ सेक्रेटरी अमित चतुर्वेदी भी अनजान नहीं है जिनके इशारे पर ही ब्लॉक में हेरफेर का खेल धड़ल्ले से खेला जा रहा है जिसकी अगर शासन और जिला प्रशासन आवासीय गाइडलाइस के अनुरूप गंभीरता से जांच करा ले तो करोड़ों रुपए का ग्रामीण आवासीय घोटाला खुलकर सामने आ जाएगा।