(सौचलयों के गड्ढे)
सीतापुर-अनूप पाण्डेय, आशीष कुमार गौड़/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर लहरपुर विकास खंण्ड लहरपुर ग्राम पतवारा के प्रधान कमल किशोर मिश्रा तथा कलीम पुत्र जुमन शेख। जो गाँव मे पहुचनें वाली योजनाओं में रिश्वत खोरी को जरिया बनाये हुये है ।एक तरफ प्रधानमंत्री योजना के द्वारा गाँव में सुंदर शौचालय तथा हर गरीब को आवास मुहैया करा रही है । तो दूसरी तरफ घोटाले का मामला साफ नजर आ रहा है । इसकी सूचना आइजीआरएस व पत्र व्यवहार द्वारा कई बार की जा चुकी है । लेकिन कार्यवाही के नाम पर कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये हैं।
(बिगड़े पड़े हैण्डपम्प)
सूत्रों की माने तो जाचं सीधे पी डी के दुआरा की जाये अगर जांच बिंन्दुवर निशपछता के साथ- हुयी तो प्रधान कमल किशोर मिश्रा तथा अकलीम वा उनके अन्य साथी उस ताने-बाने मैं गिरते हुए नजर आएंगे। अगर जांच प्रभावित करने को पी डी स्वयं जांच करते हैं । तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा । कयोंकि पीडी द्वारा हर बिदुओं को गंभीर जांच का मुददा बनाया जा सकता है । सूत्रों का दावा की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रधान कमल किशोर मिश्रा व अकलीम द्वारा किया गया घोटाला मुरदों तथा अपात्रों और एक घर में दो- दो आवास आवंटित करने का मुददा है । सूत्रों की माने तो प्रधान कमल किशोर मिश्रा व अकलीम उन लोगों को आवास दे रहे हैं जो कि दो साल पहले मर चुके हैं ।तथा जो ॻामवासी पात्रता की ऋेणी में आते भी है । तो उनको आवास न देकर अपने खास व्यक्ति को आवास दे देते हैं । वहीं एक बात की और पुष्टि हुई है कि प्रधान के द्वारा सरिया सीमेंट ,मौरगं आदि में भी अपने ही माध्यम से मंगवा दे जिसमें घटिया सामग्री से आवासों को खड़ा किया जाता है व कमीशनखोरी का एक बड़ा व्यापार खड़ा कर रखा है जो जांच का विषय बना हुआ है अब तक कमल किशोर मिश्रा व अकलीम अंसारी के विरुद्ध कोई ठोस कारवाही ना होना इस बात का संकेत देता है कि प्रधान अपनी जड़ों को काफी मजबूत है जिससे कोई भी शिकायतें सिर्फ ब्लॉक तक ही सीमित रह जाती ।
(सूखे पड़े तालाब)
लेकिन इस बार पानी का पानी और दूध का दूध हो जायेगा । यदि इस पर बिंदुवार जांच होती है तो प्रधान को रिश्वत खोरी की सजा मिल सकती है ।वहीं एक बात और सामने आयी है ।कि तालाबों की सफाई हेतु कई लाख रुपयों की संपत्ति प्रधान द्वारा हडप लिए गये। सूत्रों का दावा है कि प्रधान के द्वारा किए गए कार्यों में अनियमितताएं यह संकेत करती हैं कहीं ना कहीं बिंदुवार जांच हुई तो सारे घोटाले सामने आ जाएंगे यदि सही से जांच हुई तो यह साबित हो जाएगा की प्रधान ने जमकर घोटाला किया है। प्राथ्नापत्र में यह भी कहा गया है। कि आवास के लिए सबसे पहले प्रधान को बीस – बीस हजार रुपये बतौर रिश्वत के देने पडते हैं। उसके बाद आवास का आवंटन होता है ।कुछ लोगों का कहना है कि इस बात को प्रधानमत्रीं की नजर में प्रकाशित किया जाए और प्रधान के खिलाफ कडी कारवाही तथा जांच बिठाई जाए ।