सीतापुर-अनूप पांडेय .राहुल मिश्रा/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर में देश में स्वच्छता की अलख जगाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार हर गांव में शौचालय बनवा रही है लेकिन सरकार की यह योजना अधिकारियों और ग्राम प्रधानों के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी साबित हो रही है। मामला है सकरन ब्लॉक के भिठमनी गांव का जहां शौचालय निर्माण के लिए आई धनराशि को ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सचिव ने उच्च अधिकारियों की सांठगांठ पर शौचालय की धनराशि को आपस में बंदरबांट कर बैठे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक भीठमनी शौचालय की धनराशि ग्राम प्रधान को मिली थी लेकिन ग्राम प्रधान ने जरूरतमंदों को न देकर शौचालयों को एक तिहाई से ज्यादा अपने चहेते वअपात्र लोगों को ठेके दार द्वारा बनवाकर बन्दर बाट कर लिया और तो और भ्रष्टाचार की स्थितियां यह हैं कि पुराने शौचालयों का रंग रोगन कर यूनिक आईडी डाल कर शौचालय की धनराशि निकाल ली गई तो कहीं बगैर शौचालय निर्माण के ही पूरी धनराशि खाते से गायब है।किसी शौचालय में दरवाजे नहीं है तो किसी में सीट ही नहीं रखी गयी है और तो और सभी मे एक गड्ढे बनाया गया किसी मे तो केवल साँचा बना हुआ है और गड्ढे ही नहीं खोदे गए हैं।
शौचालयों के निर्माण में प्रयोग की गई बेहद घटिया किस्म की ईंटें व बालू निर्माण की गुणवत्ता की हालात यह है कि शौचालय बिना किसी धक्का के ही 10 या 15 दिन में भरभरा कर गिर जाता है। लाभार्थियों ने बताया कि शौचालय के अंदर जाते हुए डर लगता है कहीं कोई बड़ा हादसा ना हो जाए क्योंकि सारे शौचालय ठेके से बनवाए गए हैं बहुत ही घटिया किस्म की सामग्री प्रयुक्त की गई है। और साथ मे ये भी गांव वालों ने बताया कि ग्राम प्रधान के पति पुलिस विभाग में होने से कर्मचारी डरते है पूरी ग्राम पंचायत में पुलिस का डर बसा हुआ है
ग्राम प्रधान के पति पुलिस विभाग में कार्य रत तो खुल कर करेगे भ्रष्टाचार
ग्राम पंचायत के प्रधान पति पुलिस विभाग में होने से लोगों पर नाजायज दबाव बनाकर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है कहीं ना कहीं उसका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है बताया जा रहा है कि पूरा परिवार पुलिस विभाग में है पुलिस विभाग की खुलकर इसमें बदनामी भी क्षेत्र में फैल रही है।
वही उच्च अधिकारी स्वच्छ भारत मिशन भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना को कब तक पलीता लगाते देखगे । क्योंकि इसके पहले भी कई बार सकरन ब्लाक सुर्खियों में रहा है लेकिन संबंधित विभाग ने जमीनी स्तर पर गांव में जाकर कोई जांच-पड़ताल कभी नहीं की आगे देखना है कि ग्राम पंचायतों के विकास कार्यो का जायजा आखिर कब लेंगे जिलाधिकारी और ऐसे भ्रष्ट ग्राम पंचायत प्रधान व सचिव के ऊपर कब होगी उचित कार्रवाई जिससे गरीब जनता को उसके अधिकार पूर्ण रूप से मिल सके ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार प्रधान एवं सचिव द्वारा शौचालय में की गई थी से संबंधित विभाग कोई ठोस कार्रवाई आखिर कब करेगा।