सीतापुर-अनूप पाण्डेय/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर के रेउसा ग्राम पंचायत कोंडवा धमधमपुर में देखने को मिला जहाँ पे तैनात ग्राम पंचायत सचिव मुकेश नाथ त्रिवेदी के आगे प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत पात्र लाभार्थी आवास पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। ग्राम पंचायत सचिव की मनमर्जी का आलम यह है कि उसके लिए सरकारी आदेश मायने नही रखते है और उसके अपने खुद के आदेश चलते है। या यू कहे की खर्चा पानी नही मिला तो खुद
सरकार के आदेशों को ताक पर रखकर अपनी मनमर्जी के अनुसार आवास आवंटित करना या न करना उसके बायें हाथ का खेल बन चुका है किसको आवास आवंटन करना है किसको नही करना है ग्राम प्रधान से भी पूछना मुनासिब नही समझता है। तथा घर पर बैठकर ही मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर झूठी एवं फर्जी अंगूठे और हस्ताक्षर बनाकर शिकायत का निस्तारण भी कर देता है ।
एक ऐसा ही मामला विकास क्षेत्र रेउसा के ग्राम पंचायत कोंडवा धमधमपुर के लाभार्थी अमरेंद्र पांडे के आवास में देखने को मिला है ।
जिसमें ग्राम पंचायत सचिव के द्वारा लाभार्थी से ₹10000 की मांग किए जाने और उसे लाभार्थी के द्वारा न दिये जाने पर लाभार्थी का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की सूची में अपात्र घोषित करके आवास के लाभ से वंचित कर दिया है,और लाभार्थी आवास के लिये अधिकारियों के चक्कर लगाने पर मजबूर है।
विकास क्षेत्र रेउसा के ग्राम पंचायत कोंडवा धमधमपुर निवासी अमरेंद्र पुत्र रामसुधि का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की 2011 की सर्वे की सूची में क्रम संख्या 11 पर अंकित है जबकि लाभार्थी के नीचे के क्रम संख्या वालों को आवास का लाभ दिया जा चुका है जब इस विषय पर लाभार्थी अमरेंद्र ने ग्राम पंचायत सचिव मुकेश नाथ त्रिवेदी से आवास की मांग की तो ग्राम पंचायत सचिव मुकेश नाथ त्रिवेदी ने लाभार्थी से रु 10000 की मांग की जिसे लाभार्थी अमरेंद्र ने देने से मना कर दिया इससे नाराज होकर ग्राम पंचायत सचिव ने लाभार्थी अमरेंद्र का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की सूची से काटकर अपात्र घोषित कर दिया जब लाभार्थी अमरेंद्र ने इस विषय पर मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई तो वहां पर भी ग्राम पंचायत सचिव मुकेश त्रिवेदी के द्वारा घर पर बैठकर ही अर्जित एवं झूठी आख्या प्रस्तुत कर दी गई इसके बाद लाभार्थी अमरेंद्र ने पुनः आईजीआरएस पर संदर्भ संख्या 91815400006803 पर दूसरी शिकायत दर्ज कराई तो उसमें पंचायत सचिव ने स्थलीय जांच न करके घर पर बैठकर ही शिकायत का निस्तारण करते हुए अपात्र घोषित कर दिया।
लाभार्थी ने पुनः आईजीआरएस पर संदर्भ संख्या 40015418032082 पुनः शिकायत दर्ज कराई जिसमें पंचायत सचिव के द्वारा जो जांच आख्या प्रस्तुत की गई उसमें उन्होंने लाभार्थी का नाम स्थाई पात्रता सूची 2011 में सम्मिलित होना नहीं बताया जब लाभार्थी ने पुनः संदर्भ संख्या 40015418045935 पर शिकायत दर्ज करवाई तो उसमें पंचायत सचिव के द्वारा कुछ ग्रामीणों के फर्जी दस्तखत और अंगूठे बनाकर शिकायत का निस्तारण करते हुए बताया गया की लाभार्थी अमरेंद्र का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की स्थाई पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं है ।
जब लाभार्थी ने इस शिकायत का फीडबैक दिया तो उच्च स्तरीय जांच करते हुए सुभाष चंद्र ने जो आख्या उक्त संदर्भ संख्या 40015418045935 पर जो आख्या प्रस्तुत की उसमें उन्होंने दिखाया कि लाभार्थी का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की स्थाई पात्रता सूची में क्रम संख्या 11 पर दर्ज है ।अब सवाल यह उठता है एक ही शिकायत पर एक ही अधिकारी के द्वारा बार बार अलग अलग तरीके से गलत एवं फर्जी आख्या प्रस्तुत की जा रही है इस संदर्भ में ग्रामीणों के द्वारा जिनके नाम के फर्जी हस्ताक्षर और अंगूठे बनाकर पंचायत सचिव मुकेश नाथ त्रिवेदी के द्वारा जो आख्या प्रस्तुत की गई थी उस पर संबंधित थाना रेउसा में एक शिकायती प्रार्थना पत्र भी पंचायत सचिव मुकेश नाथ त्रिवेदी के खिलाफ दिया गया था जिस पर अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की जा चुकी है ।
इसके अलावा मुख्य विकास अधिकारी सीतापुर में ग्राम पंचायत सचिव मुकेश नाथ त्रिवेदी के खिलाफ जांच कर कार्यवाही के आदेश दिए थे परंतु विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण अभी तक ग्राम पंचायत सचिव मुकेश त्रिवेदी खुलेआम घूम रहा है, यही नहीं इसी ग्राम सभा के विमलेश, कृष्णकांत, राजितराम,
दिव्यांग दिनेश, उमाशंकर, राममूर्ति ,सहजराम, रामनिवास, रामसहारे, नन्हे ,उत्तम कुमार, मस्तराम ,रमेश कुमार आदि लोगों के भी नाम प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की स्थाई पात्रता सूची में सम्मिलित हैं परंतु ग्राम पंचायत सचिव मुकेश नाथ त्रिवेदी के द्वारा विमलेश, उमाशंकर ,दिव्यांग दिनेश ,कृष्णा कांत ,आदि लोगों से भी रु 10-10 हजार की मांग की गई जिसे न देने की अवस्था में अभी तक इन लोगों को भी आवास आवंटित नहीं किया जा सका है इस विषय पर ग्राम प्रधान राजेश कुमार ने भी बताया कि लाभार्थी अमरेंद्र अपने परिवार के साथ बांस की झोपड़ी में रह रहा है और यह आवास हेतु पात्र व्यक्ति हैं ।
परंतु ग्राम पंचायत सचिव के द्वारा अमरेंद्र का नाम अपात्र किया जा रहा है ।
अब देखना यह होगा ऐसे भ्रष्ट ग्राम पंचायत सचिव पर विभागीय उच्च अधिकारियों की नज़र कब पड़ती है