Sulg-
रिपोर्ट-अनूप पाण्डेय
Anchor-कोविड़ 19 के चलते लॉक डाउन में सबसे बड़ा असर पड़ा है तो ओ हैं श्रमिक क्यों की अगर श्रमिक को रोजगार नही मिले तो इनकी रोटी छीन जाती है इसी लिए श्रमिकों के लिए रोजगार शासन ने मुहैया कराया है मगर ग्राम प्रधान की मनमानी के चलते श्रमिकों को भूखे पेट रहने पर हो रहे मजबूर रोजगार न मिलने पर श्रमिक मजबूर
आपको बतादे उत्तर प्रदेश के सूबे के मुखिया श्रमिकों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा तहत कई तरीके से कार्य कराए जा रहे हैं जिसमें ग्राम प्रधान उनके सभी उम्मीदों पर कालिक पोतने में लगे हुए हैं ताजा मामला सीतापुर के मिश्रिख ब्लॉक क्षेत्र रामपुर भूड़ा का है जहां पर मनरेगा तहत बंधा बनाने के लिए सरकार ने ग्राम प्रधान को रोजगार दिया जिसमें श्रमिकों को लगाकर उनकी रोजी रोटी चलती रहे मगर ग्राम प्रधान द्वारा अपने चहेतों को लगाकर श्रमिकों को भगा दिया गया जिससे श्रमिक भूखे पेट रहने को मजबूर हो रहे हैं वहीं ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान काफी दबंग है और अपने ही लोगों को लगा कर वर्क करा रहा है ग्राम पंचायत में काफी भ्रष्टाचार भी हुआ है जिसका अभी तक कोई भी जांच नहीं हुई है कई बार ग्रामीणों ने खंड विकास अधिकारी को लिखित शिकायत की भी मगर ग्राम पंचायत में कोई भी जांच पड़ताल नहीं हुई जिससे ब्लाक के कर्मचारी भी सम्मिलित नजर आ रहे हैं।
बाइट-ग्रामीण
पीटीसी- अनूप पाण्डेय