सीतापुर-अनूप पाण्डेय,अरुण शर्मा/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर के पिसावां महिलाओं को चूल्हे के जहरीले धुएं से बचाने वाली गैस का ग्रामीण अंचल में आज भी जमकर दुरुपयोग हो रहा है। दुरुपयोग कभी भी खतरे की घंटीबजा सकता है। इसका दुरुपयोग जहां कारों में किया जा रहा है, वहीं होटल ढाबों आदि पर जमकर इसका प्रयोग किया जा रहा है। सबसे अधिक खतरनाक इसकी रिफिलिंग है। जिसको लेकर जागरूक लोग तो चिंतित हैं, लेकिन इस धंधे में लिप्त लोगों को शायद जान की कीमत से अधिक जेब गर्म करना आवश्यक प्रतीत होता है।शनिवार को कस्बे के थाने मोड़ के पास एक ढाबे में 14 किलो वाला एलपीजी गैस सिलेंडर फटने से हादसा हुआ बाजार चौराहा होने के कारण यहां पर हमेशा ज्यादा भीड़ होने के कारण एक व्यक्ति आंशिक रूप से झुलस गया बाकी लोगो मौके से भाग निकले जिसमे सैकड़ो लोग बाल बाल बच गए।वहीं पिछले वर्ष थानाक्षेत्र के ही कुतुबनगर चौकी के निकट कार मर गैस रिफलिंग करते समय आग लगने से कार सहित लाखो का सामान जलकर राख हो गया आजतक भी आबादी के बीच की जा रही रिफिलिंग पर कोई प्रतिबंध नजर नहीं आ रहा है। घरेलू गैस का प्रयोग आज भी कारों में किया जा रहा है। साथ ही घनी आबादी के बीच बड़े सिलेंडरों से छोटे सिलेंडरों में गैस रिफिलिंग का कार्य भी जमकर किया जा रहा है, जिससे हर समय किसी हादसे की संभावना बनी रहती हैं। धौलाना, समाना, सपनावत व यूपीएसआइडीसी में यह अवैध धंधाकिया जा रहा है।